जयपुर। राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर का शुक्रवार को जयपुर जिले में एक ही ठेकेदार के पास 23 पंचायतों की सफाई के ठेके पर गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर भुगतान रोकने और सरपंच, ग्रामसेवक तथा सहायक अभियंता की विस्तृत जांच कर पूरी राशि की वसूली तीनों से करने के निर्देश दिए।
दिलवार जयपुर जिले के बस्सी पंचायत समिति क्षेत्र में औचक निरीक्षण करने पहुंचे।
कानोता ग्राम पंचायत में सबसे ज्यादा गंदगी और कचरे के ढेर लगे मिले। कानोता नायला मुख्य सड़क पर जयपुर होंडा शोरूम के पास गंदगी का अंबार देख कर दिलावर ने ग्राम विकास अधिकारी प्रभु नारायण को पूछा कि सफाई कब से नहीं हुई। इस पर बताया गया कि दो तीन दिन पहले ही सफाई करवाई है। मंत्री ने विकास अधिकारी को डांट लगाते हुए कहा कि झूठ क्यों बोलते हो, सच बताओ। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि सब साल भर से ज्यादा हो गया। यह सफाई करने कोई नहीं आता।
इसके बाद दिलावर गांव के अंदर किसान सेवा केंद्र के पास हरिजन मौहल्ले में पहुंचे जहां किसान सेवा केंद्र के पास बड़ा नाला पूरी तरह से कचरे के कारण बंद था और सड़क पर ही कचरे के ढेर लगे थे। बदबू के कारण खड़ा होना मुश्किल था। दिलावर ने सफाई ठेकेदार रमेश मीणा से पूछा कितनी पंचायतों का ठेका ले रखा हैं, इस बताया गया कि 23 पंचायतों का सफाई का ठेका उसके ही पास है।
इस पर मंत्री भड़क गए और जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी से पूछा कि जब अधिकतम दो पंचायतों का ठेका एक ठेकेदार को देने का नियम है। तो इसको 23 पंचायतों के ठेके कैसे मिल गए।
दिलावर ने निर्देश दिया कि तत्काल इसके सभी ठेके निरस्त कर इसको ब्लैकलिस्ट करो। इसकी अमानत राशि जब्त कर इसके सारे भुगतान रोक दो और सरपंच, ग्रामसेवक तथा सहायक अभियंता की विस्तृत जांच करो तथा पूरी राशि की वसूली तीनों से करो। इसके पूर्व दिलावर ने राम रतनपुरा हीरा वाला मानगढ़ खोखा वाला तथा बेनाडा ग्राम पंचायत का भी निरीक्षण किया जहां सभी जगह सफाई की व्यवस्था चौपट मिली तथा ग्रामीणों ने शिकायत की ना तो रोज झाड़ू लगाती है और ना ही सफाई की जाती है। इस पर मंत्री दिलावर ने सभी जगह सफाई ठेकेदारों के भुगतान रोकने के निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत को विभाग प्रति वर्ष कम से कम 12 लाख रुपए देता हैं फिर भी गांव के लोग गंदगी में रहने को मजबूर है। मंत्री ने पांचों पंचायतों के सफाई ठेकेदारों के भुगतान रोकने तथा सरपंच, ग्रामसेवक और सहायक अभियंता की जांच कर वसूली करने के निर्देश दिए।
उन्होंने पंचायती रजिस्टर भी मंगवा कर चेक किए। सभी में ग्राम सभा की कार्यवाही और खाली जगह छोड़ कर हस्ताक्षर करना पाया गए। रजिस्टर में कार्यवाही के ठीक नीचे हस्ताक्षर की बजाय साइड में एक तरफ हस्ताक्षर करना पाया गया जो गलत था।
रामरतनपुरा ग्राम पंचायत में ग्राम सेवक के उपस्थित नहीं होने पर मंत्री ने मूवमेंट रजिस्टर मंगाकर उसकी जांच की तथा विकास अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिया। दिलावर जब बस्सी की पांच पंचायत की निरीक्षण पर निकले तो निरीक्षण के दौरान किसी भी पंचायत में सफाई कर्मचारी सफाई करते नहीं मिले।