उज्जैन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार रात यहां निधन हो गया। वे लगभग एक सौ वर्ष के थे। कुछ समय से अस्वस्थता के चलते उनका यहां एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। रात्रि में उन्होंने अंतिम सांस ली।
पूनमचंद यादव के निधन पर राजनैतिक, प्रशासनिक और समाज से जुड़े गणमान्य नागरिकों और अन्य लोगों ने शोक व्यक्त करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनकी अंत्येष्टि बुधवार को दिन में क्षिप्रा नदी के तट पर भूखीमाता मंदिर के पास होगी।
पूनमचंद यादव ने शुरूआती जीवन में संघर्ष के साथ आगे बढ़ते हुए अपने परिवार का बेहतर ढंग से लालन-पालन किया। उनके परिवार में तीन पुत्र नंदू यादव, नारायण यादव और डॉ. मोहन यादव के अलावा दो पुत्रियां कलावती यादव और शांति देवी हैं। वे अपने परिवार में पुत्र-पुत्रियों, नाती-पोतों, परनाती, प्रपौत्र सहित भरापूरा परिवार छोड़कर देवलोक गमन कर गए। यादव जीवट इंसान रहे और अंतिम समय तक 100 वर्ष की आयु होने पर भी उन्होंने अपना कार्य स्वयं किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मंगलवार को भोपाल में राज्य मंत्रालय में कैबिनेट और अन्य विभागीय बैठकों के दौरान जैसे ही उनके पिताजी के निधन की खबर मिली, वे तत्काल उज्जैन के लिए रवाना हो गए।
पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा बुधवार सुबह 11.30 बजे उनके निज निवास गीता कॉलोनी, अब्दालपुरा से प्रारंभ होगी। उनका अंतिम संस्कार क्षिप्रा तट पर भूखीमाता मंदिर के पास होगा।
भारतीय जनता पार्टी के अनेक केंद्रीय नेताओं के अलावा, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के अन्य नेताओं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और अन्य नेताओं के अलावा प्रशासन तथा समाज से जुड़ी विभिन्न हस्तियों ने पूनमचंद यादव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है।