महाकुंभ : महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी में भारतीय संस्कृति के रंगों का संगम

महाकुम्भ नगर। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में झांझों की मधुर झंकार, पवित्र मंत्रोच्चार और भारत के विविध रंग एक-दूसरे में घुलमिल गए। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने इस पवित्र संगम स्थल पर डुबकी लगाकर महाकुम्भ के अंतिम दिन को यादगार बनाया।

आखिरी शुभ स्नान होने के कारण, मध्यरात्रि से ही संगम के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। कुछ ने ‘ब्रह्म मुहूर्त’ में स्नान के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार किया, तो कई ने निर्धारित समय से पहले ही स्नान कर लिया।

इस मेले ने न केवल भारत के चारों कोनों से लोगों को आकर्षित किया, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु आए। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि वे इस महाकुम्भ में 144 वर्षों के फैक्टर से आकर्षित हुए, जिसके चलते उन्होंने हर हाल में यहां आने का निर्णय लिया। कोई भी इस दुर्लभ क्षण का साक्षी बनने से खुद को रोक नहीं पाया। इसके लिए कर्नाटक, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने देश की लंबाई-चौड़ाई को कवर किया।

श्रद्धालुओं पर हुई 20 क्विंटल पुष्प वर्षा

महाकुंभ के महाशिवरात्रि पर अंतिम अमृत स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए पांच से छह चक्र में 20 क्विंटल पुष्प वर्षा कराई गई।

पिछले सभी प्रमुख स्नान पर्वों पर सरकार फूलों की वर्षा करा चुकी है। इसी क्रम में बुधवार को महाशिवरात्रि पर भी इस परंपरा का पालन करते हुए 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा कराई गई। इसकी शुरुआत सुबह आठ बजे से ही हो गई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम के विभिन्न तटों पर स्नान कर रहे थे। आसमान से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम, हर हर महादेव, गंगा मइया और तीर्थराज के जयकारे लगाए।

महाकुंभ का महाशिवरात्रि अंतिम महत्वपूर्ण स्नान पर्व है। मंगलवार की रात से ही संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। उपनिदेशक उद्यान, प्रयागराज मंडल कृष्ण मोहन चौधरी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुष्प वर्षा की तैयारी पहले ही कर ली गई थी। सभी श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा के लिए लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की गई थी।

पुष्प वर्षा के प्रभारी वी के सिंह ने बताया कि त्रिवेणी संगम सहित अन्य स्नान घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर पांच से छह चक्र पुष्प वर्षा की गई। पहले राउंड का आयोजन सुबह 8 बजे से शुरू हुआ। इसके तहत, हेलीकॉप्टर के जरिए श्रद्धालुओं पर आकाश से पुष्प वर्षा की गई। यह नजारा जहां श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय रहा, वहीं महाकुंभ की दिव्यता को और बढ़ाने वाला भी रहा। हर चक्र के लिए गुलाब की पंखुड़ियों को व्यवस्थित रूप से पहले से ही अलग-अलग तैयार कर रखा गया था।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार के निर्देश पर सभी अमृत स्नान और स्नान पर्व पर 20-20 क्विंटल पुष्प वर्षा कराई गई है। महाकुंभ मेले के पहले स्नान से लेकर महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के दौरान अब तक लगभग 120 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की श्रद्धालुओं पर वर्षा किया गया है। पुष्प वर्षा के जरिए श्रद्धालुओं को सम्मानित और स्वागत करते हुए उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर माहौल प्रदान किया गया है।