महाकुंभनगर। महाकुंभ में मंगलवार देर रात मौनी अमावस्या के पर्व पर हुई भगदड़ के कारण स्थगित हुआ अखाड़ों का दूसरा अमृत स्नान करीब छह घंटे की बैठक के बाद भारी मन से सुबह 11 बजे शुरु हो गया।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने बताया कि अमृत स्नान शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। जो आकस्मिक हादसा हुआ जिससे संतों का मन बहुत दुखी है। उनमें वो उत्साह नहीं है जो मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं को देखने को मिला था। बुझे मन से संत अमृत स्नान करने निकले हैं।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महानिर्वाणी और पंचायती अटल अखाड़े स्नान करने पहले संगम तट पर पहुंचे। उसके बाद सभी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार आगे आते रहेंगे। अटल के बाद तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा एवं अखाड़ा आनंद स्नान करेगा। उसके बाद श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्री आह्वन अखाड़ा, और श्री पंचाग्नि अखाड़ा स्नान करेगा।
बैरागी संप्रदाय के अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, उसके बाद श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा उसके बाद श्री पंच निर्मोही अखाड़ा के बाद उदासीन संप्रदाय के श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण तथा श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा।
डीआईजी (कुंभ मेला) वैभव कृष्ण ने कहा कि अमृत स्नान में देरी हुई लेकिन यह पहले की तरह निर्धारित क्रम में ही किया जा रहा है। भारी पुलिस बल के बीच अखाड़ों ने त्रिवेणी संगम की ओर निकल गए हैं। पुलिस और प्रशासन सभी अखाड़ों को उनके परंपरागत क्रम में जाने में सहायता करेंगे। स्थिति नियंत्रण में है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
मेला प्रशासन ने बताया कि दो बजे तक पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान कर लिया था। अमृत स्नान के पावन पर्व पर संगम और नागा संत-महात्मा और अन्य श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए आसमान से गुलाब की पंखुडियों की पुष्प वर्षा कराया गया। पुष्प वर्षा का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय अनुभव और उत्साह का संचार करेगा और श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था और उत्साह को नई ऊंचाई देगा। श्रद्धालुओं और संतों पर पांच से छह चक्र में 25 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियाे की पुष्प वर्षा किया जाना है।
उपनिदेशक उद्यान, प्रयागराज मंडल कृष्ण मोहन चौधरी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पांच क्विंटल अतिरिक्त गुलाब की पंखुड़ियां भी तैयार रखी गई हें ताकि आवश्यकता पड़ने पर पुष्प वर्षा की संख्या को बढ़ाया जा सके।
अचानक बेरीकैडिंग तोड़ कर भीड़ आई और संगम तट पर सो रहे लोगों को रौंद गई