महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 के मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या बुधवार को एक दुखद हादसे का गवाह बना जब संगम तट पर अमृत स्नान के दौरान मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आई और सात करोड़ से अधिक स्नानार्थियों ने तीर्थराज में पवित्र डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना की।
मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए मंगलवार से ही प्रयागराज में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा था। रात होते होते करीब पांच करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके थे। इसके बावजूद ब्रहृम मुहुर्त में त्रिवेणी पर डुबकी लगाने को आतुर बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम की रेती पर सो गए। इस बीच जिला प्रशासन के लोग श्रद्धालुओं से स्नान का आग्रह कर वापस जाने की अपील करते रहे जिसे अनसुना कर दिया गया। इस बीच रात एक से दो बजे के बीच बेरीकेडिंग तोड़ कर भीड़ दूसरी ओर आ गई और वहां मौजूद लोगों को कुचलती हुई बढ़ गई।
भगदड़ को भांपते ही ग्रीन कॉरिडोर बना कर 50 एबुंलेंस के जरिये 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया मगर अस्पताल में 30 लोगों की सांसे उखड़ गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतक आश्रितों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया और घटना की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन की घोषणा की।
उधर, अखाड़ों ने भी दुखद घटना को देखते हुए अमृत स्नान के अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को रद्द कर दिया मगर बाद में मुख्यमंत्री योगी के अनुरोध पर अमृत स्नान सादगी से अपरान्ह शुरु हो सका। इस बीच श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आई और लोगों ने नजदीक के घाट पर स्नान ध्यान कर मौनी अमावस्या पर परिवार और राष्ट्र की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की गई।
अधिकृत जानकारी के अनुसार शाम छह बजे तक करीब सात करोड़ लोग स्नान कर चुके थे और देर रात तक स्नान का क्रम जारी था। हादसे के बाद प्रयागराज से जुड़ी सीमाओं पर होल्डिंग एरिया बना कर वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था जिसे देर शाम चालू कर दिया गया। श्रद्धालुओं को कुंभ क्षेत्र तक पहुंचाने के लिये 300 से अधिक विशेष ट्रेने चलायी गयी थी जबकि राज्य परिवहन निगम की बसे सारा दिन श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचाती रहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह महाकुंभ नगर में हुये हादसे की पल पल की जानकारी लेते रहे। पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए कहा कि मरने वालों में 25 की शिनाख्त कर ली गई है जबकि पांच की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे है। कुछ घायलों के परिजन अपने मरीज को लेकर चले गए है जबकि 36 का इलाज स्थानीय मेडिकल कालेज में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ब्रहृम मुहुर्त से पूर्व प्रात: एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाडा मार्ग पर भारी भीड़ का दवाब बना और भीड़ के इस दवाब में दूसरी ओर के बेरीकेड टूट गए और लोग बेरीकेड फांद कर दूसरी ओर आ गए जहां श्रद्धालु ब्रहृम मुहुर्त का इंतजार कर रहे थे, भीड़ ने उन्हें नहीं देखा और उनको कुचलना शुरु कर दिया।
यद्यपि प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य करते हुए भीड़ को काबू किया और एबुंलेंस से 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन इसमें 30 श्रद्धालु की मौत हो गई। कृष्णा ने बताया कि मरने वालों में से 25 की पहचान हो चुकी है जबकि अन्य की शिनाख्त की जानी बाकी है। इनमे से कर्नाटक के चार, असम और एक गुजरात का एक एक श्रद्धालु शामिल है। कुछ घायलों को परिवार के सदस्य लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कालेज में चल रहा है।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है जिस पर घायल के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस समय स्थिति पूरी तरह सामान्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पूज्य संतों, महामंडलेश्वरों से आग्रह किया गया है कि वे इस अमृत स्नानों के भागीदार बने। श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए अखाड़ों ने अमृत स्नान किया जो सकुशल संपन्न हो गया है।
कृष्णा ने बताया कि अमृत स्नान पर्व में आज कोई वीवीआईपी अथवा वीआईपी प्रोटोकाल नहीं था और आगामी अमृत स्नान पर्व में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी। महाकुंभ में बेरीकेडिंग टूटने से हुए हादसे से दुखी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तमाम सुरक्षा उपाय करने के बावजूद भीड़ के दवाब में हुआ हादसा मार्महत करने वाला है।
योगी ने कहा कि घटना की जांच के लिए हमने पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है जिसमें पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह शामिल हैं। इसके अलावा सरकार पुलिस से अलग से हादसे के कारणों की जांच करायेगी। सरकार प्रत्येक मृतक आश्रित को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में भावुक होते हुए कहा कि प्रशासन को पता था कि महाकुंभ में आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे और इसके लिए तमाम बंदोबस्त भी कर लिए गए थे मगर ब्रहृम मुहुर्त से पहले रात करीब एक से दो बजे के बीच श्रद्धालु बेरीकेडिंग फांद कर दूसरी ओर आ गए और वहां पहले से स्नान का इंतजार कर रहे लोगों को रौंदते चले गए।
उन्होंने कहा कि हादसे के बाद बगैर विलंब किए ग्रीन कारिडोर बना कर घायलों को अस्पताल भेजा गया मगर 30 लोगों को बचाया नहीं जा सका। राहत एवं बचाव कार्य में स्थानीय पुलिस के अलावा एनडीआरएफ,एसडीआरएफ के जवान भी पूरी मुस्तैदी से लगे। उन्होंने कहा कि हम हादसे में मृत श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके आश्रितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। कुछ घायलों को उनके परिजन उपचार के बाद ले गए है जबकि 36 का इलाज प्रयागराज में चल रहा है।
योगी ने कहा कि हादसे के बाद सरकार के अनुग्रह पर अखाड़ों ने अपना पूर्व निर्धारित अमृत स्नान स्थगित कर दिया था जिसे अपरान्ह शुरु किया गया। अमृत स्नान में पूज्य शंकराचार्य, आचार्य महामंडलेश्वर और पूज्य साधु संतों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों ने समन्वय बनाए रखा और उनके दिशा निर्देश से हालात को संभालने में मदद मिली। भारतीय रेल ने महाकुंभ के मुख्य स्नान पर्व पर 300 से अधिक विशेष ट्रेन चलायीं। बसों के भी पर्याप्त इंतजाम थे।
हादसे के बाद बसों को प्रयागराज सीमा पर रोका गया जिससे देर शाम अमृत स्नान के बाद प्रयागराज के लिए रवाना होने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ यह पहली बार था जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभनगर पहुंचे थे।
महाकुंभ हादसा मार्महत करने वाला, तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन : योगी
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मिनट टू मिनट दौड़ने लगीं 50 से अधिक एंबुलेंस