अदम्य पुरुषार्थ का पर्याय है झांसी की रानी का जीवन : मेजर रितेश सेन

आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय में महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती कार्यक्रम
अजमेर। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का संघर्षमय जीवन न केवल महिलाओं अपितु प्रत्येक भारतीय के लिए पुरुषार्थ का पर्याय है। रानी के जीवन के संघर्षों और शौर्य की कहानियां भारत में उस स्त्री विमर्श को भी ध्वस्त करती हैं जिसमें महिलाओं को अबला घोषित किया जा रहा है।

यह विचार मंगलवार को पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय की प्रातः कालीन वन्दना दर्शन और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर आयोजित सभा को संबोधित हुए भारतीय सेना के मेजर रितेश सेन ने व्यक्त किए। उन्होंने विद्यालय के संस्कारक्षम वातावरण की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों को अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दृढ़ता से एकमुखी प्रयास करने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम में कक्षा 11वीं की बहिन आराधना ने झांसी की रानी का स्वरूप धर तलवार का संचालन किया, वहीं बहिन तन्वी वैष्णव ने खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी, कविता का संगीत के साथ ओजपूर्ण गायन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य राजेश जादम ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रधानाचार्य भूपेंद्र उबाना ने आभार व्यक्त किया।