नागपुर/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि वर्षों पूर्व नागपुर की ऐतिहासिक धरती से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रूप में राष्ट्रीयता का एक ऐसा दीपक जला, जो आने वाले समय में पूरी दुनिया को राह दिखाएगा।
शर्मा रविवार को नागपुर में विभिन्न स्थानों पर विधानसभा चुनाव में नागपुर एवं विदर्भ से समस्त महायुति गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित प्रवासी राजस्थानी सम्मेलनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में हमें राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हमारी भूमिका तय करनी होगी।
उन्होंने रजवाड़ा पैलेस में आयोजित राजस्थान सम्मेलन में कहा कि हमारे पुरखों ने देशहित में अपने आप को समर्पित कर दिया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आजादी के बाद देश को दिशा देने के लिए कैबिनेट मंत्री के पद से त्यागपत्र देकर जनसंघ के रूप में कुछ लोगों का राष्ट्रवादी संगठन बनाया, जो आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भी वर्ष 2014 के बाद राष्ट्रवाद की विचारधारा को बल मिला है और देश में आमूलचूल परिवर्तन आया है। वर्षों से अटके मुद्दों का समाधान हुआ और हर क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी कार्यशैली की मिसाल पेश कर देश की अन्य पार्टियों और राजनेताओं को बदलने पर मजबूर कर दिया है। उनका मानना है कि विरासत का संरक्षण करते हुए विकास होना चाहिए।
शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने वर्षों के शासनकाल में भ्रष्टाचार से देश को लूटा और अफवाएं फैलाकर लोगों को बरगलाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी वे आरक्षण के नाम पर लोगों को भ्रमित करने आए थे, मगर आज नजर नहीं आते।
उन्होंने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र के बीच एक अनूठा रिश्ता है। राजस्थान महाराणा प्रताप की शौर्य भूमि है, तो महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी की वीरता की गाथा कहता है। उन्होंने कहा कि नागपुर के गणेश टेकड़ी मंदिर के निर्माण में प्रयुक्त पत्थर राजस्थान के बंशी पहाड़पुर का है। यही पत्थर अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में भी उपयोग में लिया गया है। यह पवित्र बंधन अयोध्या और नागपुर को जोड़ने का काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी भाई-बहनों ने अपनी जन्मभूमि राजस्थान से आकर महाराष्ट्र को कर्मभूमि बनाया तथा कर्म, मेहनत और व्यवहार से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि राजस्थानियों ने यहां के लोगों से सिर्फ व्यापार का रिश्ता ही नहीं बनाया बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अग्रणी हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘जहां न पहुंचे रेलगाड़ी, वहां पहुंचे बैलगाड़ी और जहां न पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी’ का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं देश-दुनिया में जहां भी जाता हूं, वहां मुझे हमारे राजस्थानी भाई-बहन मिल जाते हैं। मेरी हाल की विदेश यात्राओं के दौरान भी बड़ी संख्या में हमारे राजस्थानी भाई-बहन मुझसे मिलने पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित प्रवासी राजस्थानियों को आगामी 9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में आयोजित होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में शामिल होने का निमंत्रण देते हुए कहा कि राजस्थानी अपनी मिट्टी की खुशबू पूरी दुनिया में फैला रहे हैं फिर भी अपनी जड़ों से जुड़ाव उन्हें बार-बार राजस्थान लेकर आता है। उनका यहां आना नियमित होता रहे इसके लिए वे राजस्थान में निवेश करें।
शर्मा ने कहा कि राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन की दृष्टि से भी राजस्थान देश में अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि हमने सरकार बनते ही पानी और बिजली की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया है। पानी की कमी दूर करने के लिए ईआरसीपी और यमुना जल बंटवारा जैसे समझौतें किए तथा ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं, जिन पर काम भी शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों से आह्वान किया कि वे नागपुर एवं विदर्भ की विधानसभा सीटों पर महायुति गठबंधन के प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जिताएं और महाराष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए डबल इंजन की सरकार बनवाएं। कार्यक्रम में जालोर- सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी, पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, पूर्व विधायक गिरीश व्यास सहित भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी मौजूद थे।