कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने दावा किया कि कुछ ताकतें उनकी मां माटी मानुस सरकार को बदनाम करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को उकसा रही हैं। बनर्जी ने यह भी कहा कि वे सोशल मीडिया पर विकृत जानकारी पेश करके कुर्सी (सत्ता की सीट) के पीछे थे।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी उनकी सरकार द्वारा चिकित्सकों के साथ बातचीत करने की तीसरी कोशिश विफल होने के बाद आई है। यहां तक कि आंदोलनकारी डॉक्टर नबन्ना के सामने आए लेकिन बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि प्रशासन ने बातचीत के सीधे प्रसारण की उनकी मांग को मानने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने डाक्टरों के साथ प्रस्तावित वार्ता विफल रहने के बाद एक मीडिया सम्मेलन में कहा कि लोगों के हित में मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए। मैं तिलोत्तमा के लिए न्याय चाहती हूं और मैं चाहती हूं कि आम लोगों को इलाज मिले।
बनर्जी ने कहा कि सरकार को जूनियर डॉक्टरों से सहानुभूति है और उन्होंने तिलोत्तोमा (वह नाम जिससे वह म़तक महिला डॉक्टर को बुलाती थीं) को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर मार्च भी किया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बैठक की सीधे प्रसारण की अनुमति नहीं दे सकती क्योंकि मामला सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है।
उन्होंने डॉक्टरों से काम पर लौटने की भी अपील की और कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के सोमवार के आदेश के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती है। अगर जूनियर डॉक्टर मंगलवार 10 सितंबर तक ड्यूटी पर नहीं आते हैं तो राज्य प्रशासन कदम उठा सकती है।
ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का किया आग्रह, बातचीत फिर विफल