ममता कुलकर्णी और किन्नर महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण अखाड़े से निष्कासित

महाकुंभनगर। किन्नर अखाड़े के कथित संस्थापक ऋषि अजय दास ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और नवनियुक्त महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी को पद से हटा दिया है जबकि लक्ष्मी नारायण ने इसका खंडन किया है।

ऋषि अजय दास ने सेक्टर 16 में अपने शिविर में संवाददाताओं से शुक्रवार को बताया कि ममता को महामंडलेश्वर बनाने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिस पर (ममता पर) देशद्रोह का आरोप है। उसे महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है।

दास ने कहा कि ये कोई बिग बॉस का शो नहीं है, जिसको कुंभ के दौरान एक महीने चला दिया जाए। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को मैंने किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए आचार्य महामंडलेश्वर बनाया था, लेकिन वह भटक गईं। ऐसे में मुझे एक्शन लेना पड़ा।

उदाहरण के लिए किन्नर अखाड़े के गठन के साथ ही वैजयंती माला गले में धारण कराई गई थी, जो श्रृंगार की प्रतीक है। इन्होंने उसे त्याग कर रुद्राक्ष की माला धारण कर ली, जो संन्यास का प्रतीक है। संन्यास बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता। इस प्रकार यह सनातन धर्म प्रेमी और समाज के साथ एक प्रकार का छलावा कर रहे हैं।

किन्नार अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ऋषि अजय दास के प्रेस कांफ्रेंस के कुछ देर बाद ही सेक्टर 16 स्थित शिविर में संवाददाताओं से बातचीत में उनके दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे कौन होते हैं, मुझे अखाड़े से निकालने वाले। मेरा पद किसी एक व्यक्ति की नियुक्ति या सहमति पर आधारित नहीं था। 2015-16 उज्जैन कुंभ में 22 प्रदेशों से किन्नरों को बुलाकर अखाड़ा बनाया था। मुझे आचार्य महामंडलेश्वर चुना गया। उस वक्त ऋषि अजय दास हमारे साथ थे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में वे शादी कर उज्जैन आश्रम बेचकर, पैसा लेकर मुंबई चले गए। उनके कर्मों की वजह से उन्हें बर्खास्त कर दिया था। अगर वह संस्थापक रहते तो किन्नर अखाड़े में रहते। कंप्यूटर बाबा के आश्रम में क्या कर रहे हैं। अब ऋषि अजय दास से हमारे वकील बात करेंगे। उन पर कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।

2019 में किन्नर अखाड़े का अनुबंध जूना अखाड़े के साथ हुआ। जूना अखाड़े के संरक्षक हरि गिरी महराज को हमने अपना गुरू बनाया। अजय दास की अर्चना से शादी किया है उसकी बेटी का नाम कनक है। किन्नर अखाडे के आरम को बेचकर मुंबई चले गए और जयपुर में भी रहे। किन्नर अखाड़े के पूरे भारत से आने वाले 22 संगठन ने मिलकर किन्नर अखाड़ा बनाया है। किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर डाक्टर लक्ष्मी नारायण हैं।

नवनियुक्त महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि उन पर जो भी आरोप थे, उनसे उन्हें बरी कर दिया गया। अब उनका किसी भी आरोप से कोई लेना देना नहीं है।

किन्नर कथावचक हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी के महमंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई और पूछा कि कन्नर अखाडे ने एक स्त्री का महामंडलेश्वर क्यों बनाया है। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, तो एक स्त्री को किन्नर महामंडलेश्वर क्यों बनाया। इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाडे का नाम किन्नर अखाड़ा क्यों रखा गया।

गौरतलब है कि बॉलीवुड नायिका ममता कुलकर्णी का 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेशवर बनाया गया था। उन्होंने सालों से फिल्मी दुनिया से दूरी बनाई हुई है। इस बीच उनका अध्यातम की तरफ झुकाव हो गया। उन्होंने सांसारिक मोहमाया को त्यागकर किन्नर अखाडे से संन्यास की दिक्षा ली।

इससे पहले उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ खुद पिंडदान किया। संगम तट पर करीब दो घंटे तक उनके संन्यास की दीक्षा प्रक्रिया हुई थी। आचार्य महामंडलेश्वर डा लक्ष्मी नारायण ने उनको संन्यास की दीक्षा दी और उनका नाम यामाई ममतानंद गिरि रखा गया।