श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में बालकों का लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने एक किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोप में आज एक युवक को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीतकौर संधू ने प्रकरण के तथ्यों की जानकारी देते हुए बताया कि रायसिंहनगर तहसील क्षेत्र के एक गांव की निवासी 15 वर्षीय किशोरी 6 दिसंबर 2018 की रात को घर से गायब हो गई थी।
सुबह परिवार वालों को पता चला तो उन्होंने किशोरी की तलाश की। बाद में किशोरी के दादा ने 3 जनवरी 2019 को थाने में रिपोर्ट देते बताया कि खेत पड़ोसी जगदीश नायक के पुत्र पवन उसकी पोती को बहला फुसलाकर ले गया है। उसकी पोती 6 दिसंबर की रात को घर से गायब हुई तो उन्होंने अगले दिन जगदीश, उसकी पत्नी फूलवंती और परिवार के अन्य लोगों से पूछा तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
पुलिस ने धारा 363 और 366 में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही पुलिस ने किशोरी को दस्तयाब कर लिया। मेडिकल चेकअप करवाए जाने पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने की पुष्टि हुई। पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण कर अदालत में पवन के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में चालान प्रस्तुत किया।
न्यायाधीश ने आज फैसला सुनाते हुए पवन को धारा 363 और 366 में 5-5 वर्ष कठोर कारावास की सजा और पांच-पांच हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक-एक महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दुष्कर्म की धारा 376 के तहत पवन को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।