श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में बालकों का लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पोक्सो मामलों की विशेष अदालत (संख्या-01) ने किशोरी से शादी करने का झांसा देकर अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को मंगलवार को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने सभी पक्षों की दलीलों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक गुरचरणसिंह रुपाणा एडवोकेट ने बताया कि किशोरी के अपहरण का मुकदमा 17 सितंबर 2019 को सूरतगढ़ सदर थाना में किशोरी की मां और भाई ने रिपोर्ट देते हुए दर्ज करवाया था। महिला ने बताया कि उसकी 15 वर्ष 5 महीने की बेटी 16 सितंबर की रात को गायब हो गई। उसकी बेटी जिस रात को गई, उसी रात को घर में रखे 48 हजार रुपए और सोने का एक गहना भी गायब हो गया।
अगले दिन तलाश करने पर बेटी कुछ पता नहीं चला। पुलिस को दी रिपोर्ट में महिला ने बताया कि चक 01- पीपीएम में शराब ठेके पर सेल्समैन का काम करने वाला दिलीप उर्फ बद्री प्रसाद नायक (31) निवासी चक 5-पीपीएमको तलाश किया तो वह भी अपने घर पर नहीं मिला।
मामला दर्ज होने पर पुलिस ने किशोरी को दस्तयाब किया। उसका मेडिकल चेकअप करवाया तो उससे शारीरिक संबंध बनाए जाने की पुष्टि हुई। पुलिस के अनुसार तब किशोरी कक्षा 9 में पढ़ती थी। अपहरण और दुष्कर्म के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर दिलीप और बद्रीप्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ चालान पेश किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह और 17 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
उन्होंने बताया कि न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने निर्णय देते हुए बद्री उर्फ दिलीप को धारा 376(3) और पोक्सो एक्ट की धारा के तहत 20-20 वर्ष कठोर कारावास की सजा और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने पर दो महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
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