श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में महिला उत्पीड़न एवं अत्याचार निवारण (विशिष्ट अदालत) ने पत्नी की कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या करने के आरोपी पति को जुर्म प्रमाणित मानते हुए आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
महिला उत्पीड़न एवं अत्याचार निवारण मामलों की विशेष अदालत में अपर लोक अभियोजक बलवंत बिश्नोई एडवोकेट ने प्रकरण के तथ्यों की जानकारी देते बताया कि जिले के रामसिंह थाना क्षेत्र के चक 55 जीबी में कत्ल की यह वारदात 15 अप्रैल 2013 की शाम को हुई। इस गांव में विवाहित राजविंदर कौर (36) की घर के एक कमरे में कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई। उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया।
मृतका के पिता कर्मसिंह जट सिख निवासी चक 72 जीबी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर पति साहबसिंह, उसके भाई जगतारसिंह और बहन बलवीर कौर उर्फ भोली के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने अनुसंधान कर न्यायालय में चालान पेश किया। अनुसंधान में पुलिस ने सिर्फ साहबसिंह को ही दोषी माना। जगतार सिंह और बलबीर कौर को दोषी नहीं पाया। आरोपी साहब सिंह को 17 अप्रैल 2013 को गिरफ्तार कर लिया गया। वह 18 अप्रैल 2013 से अब तक लगातार न्यायिक हिरासत में रहा। उसकी जमानत नहीं हुई।
अपर लोक अभियोजक बलवंत बिश्नोई ने बताया कि अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयानों की रोशनी में विशिष्ट न्यायाधीश विनोद गुप्ता ने साहबसिंह को आज धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा और 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
बालिका का अपहरण कर रेप करने के दोषी को 20 वर्ष की कठोर सजा
श्रीगंगानगर में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने 13 वर्षीय एक बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपी युवक को आज 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक श्रीमती नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि जिले के जैतसर थाना में 18 मई 2017 को बालिका के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। बालिका के पिता ने आरोप लगाया कि दिलीप (35)निवासी भागसर थाना बहाववाला जिला फाजिल्का (पंजाब) उसके बेटे को चकमा देकर उसकी नाबालिग बेटी को लेकर फरार हो गया।
पिता ने बताया कि 18 मई की दोपहर को उसकी बेटी स्कूल से उसके बेटे के साथ घर आ रही थी। पुलिस ने लड़की को तो शीघ्र ही दस्तयाब कर लिया, लेकिन आरोपी नहीं मिला। लड़की के दस्तयाब होने पर पता चला कि घटना की रात को ही दिलीप ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
प्रकरण के अनुसंधान के दौरान आरोपी दिलीप श्रीगंगानगर की जेल में बंद पाया गया। उसके खिलाफ जिले के सादुलशहर थाना में भी एक लड़की से दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें वह गिरफ्तार था। जैतसर थाना क्षेत्र की घटना में पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट से पूछताछ के लिए दलीप को अपनी हिरासत में लिया।
इस दौरान पता चला कि दिलीप के खिलाफ नागपुर (महाराष्ट्र) में भी चोरी का एक मामला दर्ज है। विशिष्ट लोक अभियोजक श्रीमती नवप्रीत कौर संधू के मुताबिक अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह और 26 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
इनके आधार पर न्यायाधीश ने आज निर्णय देते हुए पोक्सो एक्ट के तहत दिलीप को 20 वर्ष की कठोर कैद की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया। भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) के तहत 10 वर्ष की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे 1-1 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।