जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित पांच दिवसीय मांडणा कार्यशाला का बुधवार को शुभारंभ हुआ।
प्रशिक्षक संजय सेठी और मनोज प्रजापति के निर्देशन में 80 से अधिक प्रतिभागी इसमें प्रशिक्षण ले रहे हैं। मांडणा राजस्थान की पारंपरिक लोक कला है। गांवों में महिलाएं लोक गीत गाते हुए मांडणा बनाया करती हैं। शिल्पग्राम में ऐसा ही दृश्य साकार हुआ जब महिला कलाकारों ने लोक गीत गाए और प्रशिक्षक ने उसके अनुरूप मांडणा बनाया।
इस मौके पर जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत ने कहा कि इस कार्यशाला के जरिए हम हमारी जड़ों से जुड़ रहे हैं। सेठी ने कहा कि लुप्त होती मांडणा कला को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। शहरों में कच्चे मकान नहीं है यह कहकर हम मांडणा को भुला नहीं सकते हैं। कार्ड-बोर्ड पर मांडणा बनाकर मांगलिक अवसरों पर लगा सकते हैं।