2 अगस्त को बजरंग दल का देशव्यापी प्रदर्शन
नई दिल्ली। हरियाणा के मेवात में सोमवार को जो भी हुआ, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रावण में प्रतिवर्ष किसी भी सोमवार पर मेवात के अंदर भगवान शंकर का आशीर्वाद लेने के लिए महाभारत कालीन पांच मंदिरों में श्रद्धालु जाते हैं। कल लगभग 20-25 हजार लोग पहुंचे थे। अभी यात्रा शुरू हुए 15 मिनट भी नहीं हुए कि उन पर उपद्रवियों ने गोलियां और पत्थर बरसाने तथा आगजनी शुरू कर दी।
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि श्रद्धालुओं ने जब देखा कि परिस्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही है, तो पीछे हटने का प्रयास किया, तो देखा पीछे से भी पत्थर बरस रहे हैं। उन पर पेट्रोल बम फेंके गए, बहुत मुश्किल से कुछ लोगों को बचाकर हम नलहड़ महादेव के मंदिर में वापिस लेकर आ सके। कुछ ही देर हुई थी वहां गए हुए कि उस मंदिर के सामने से भी दंगाई आ गए। कारों, बसों और अन्य वाहनों को आग लगानी और जो सामने दिखा उन पर गोलियां बरसनी शुरू हो गई। दो लोगों को गोलियां लगीं। लगभग सारे वाहन जला दिए या तोड़ दिए गए।
जब पुलिस आती है तो पुलिस को देखकर उपद्रवी भागते हैं और पहाड़ियों पर चढ़कर तीनों तरफ से मंदिर में शरण लिए हुए महिलाओं, बच्चों और अन्य भक्तों पर गोलियां बरसाना शुरू कर देते है। एक भक्त बलिदान हो जाता है। कुछ अन्य लोगों को भी गोलियां लगती हैं। बहुत मुश्किल से प्रशासन ने उन पर नियंत्रण किया और उसके बाद वहां से निकाल कर पुलिस लाइन में लेकर आए। लेकिन तब तक यह दृश्य हम देख चुके थे कि पूरा मेवात मानो मिनी पाकिस्तान बन गया है। चारों तरफ से घेराबंदी हो गई है, जगह जगह यात्री घिरे पड़े हैं। कहीं मंदिरों, तो कहीं पुलिस चौकियों में शरण ली और उन मंदिरों और चौकियों पर भी हमले किए गए।
डॉ. जैन ने आरोप लगाया कि इस घटना के जिम्मेदार वे लोग हैं जो इन दंगाइयों को भड़काते हैं, उनके भड़काने के कारण ही, मुहर्रम व रामनवमी पर हमले होते हैं। अन्य कितने लोग बलिदान हुए हैं, उनका पता लगाया जा रहा है। प्रशासन से भी इस बारे में सही आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं। घायलों की चिंता और उनके उचित उपचार की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन यह गंभीर आत्म विश्लेषण का अवसर है कि कल नूंह में डायरेक्ट एक्शन की तरह का वातावरण बना था। मैं उन मौलवियों से भी कहना चाहूंगा जो किसी भी बहाने से भड़काने की कोशिश करते हैं, उसका ही यह दुष्परिणाम दिखाई दिया है। यह उचित नहीं है। यह आत्मघाती प्रवृत्ति है।
उन्होंने पूछा कि छोटे छोटे बच्चों को आगे लाकर तुम आगजनी करवा कर, उनका कैसा भविष्य निर्माण कर रहे हो? वहां आप भले ही मेजोरिटी में होंगे, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप उसको हिन्दुओं का कब्रिस्तान बना दोगे? यह दुष्कृत्य किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने घोषणा की कि हिन्दू धार्मिक यात्रा पर हुए इस क्रूर हमले के विरोध में दो अगस्त को सम्पूर्ण देश में, समस्त जिला स्थानों पर जिहादी क्रूरता के विरोध में धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। इस आतंकी हमले के कारण बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या हुई है और समाज के दो अन्य व्यक्ति भी बलिदान हुए हैं।
विश्व हिन्दू परिषद की मांग है कि उन सबके परिवारों को एक-एक करोड़ रुपया दिया जाए। जो घायल हुए हैं, उनको 20 लाख रुपए तथा संपत्ति के नुकसान की क्षति पूर्ति की जाए, जिसकी जिम्मेदारी भी सरकार को लेनी चाहिए। पूरे मेवात क्षेत्र को सील करके कॉंबिंग कराई जाए और एक एक जिहादी को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए तो ही मेवात में चल रहे राष्ट्र विरोधी आतंक को रोका जा सकता है। उन्होंने मांग की कि मेवात में केंद्रीय सुरक्षा बल की बटालियन जल्द से जल्द स्थापित किया जाए। मंदिरों के नियंत्रण के लिए एंडोमेंट बोर्ड का जल्द गठन किया जाए और मंदिरों का नियंत्रण बोर्ड को दिया जाए साथ ही अवैध कब्जों को भी हटाया जाए।