जयपुर। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कुपोषण के खात्में एवं स्वस्थ रहने के लिए मिलेट्स को अपनी थाली का हिस्सा बनाने की जरुरत बताते हुए कहा है कि इसके लिए पुराने खान पान को फिर से अपनाना होगा।
डा बैरवा शुक्रवार को राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा में दो दिवसीय श्री अन्न सम्मेलन के शुभांरभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को गेंहू धान के चक्र से बाहर निकलने की जरूरत बताते हुए कहा कि एक समय था जब मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, मक्का एवं जौ की रोटिया खाया करते थे और गेंहू की रोटी किसी मेहमान के आने पर ही बनती थी, लेकिन इसमें बदलाव करके आज चावल एवं गेंहू पर निर्भर हो गए।
उन्होंने कहा कि इन दोनों फसलों के ज्यादा उपयोग से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं देखने को मिल रही है। ऐसे में ज्वार, बाजरा, रागी, कांगनी जैसी मिलेट्स फसलों को भोजन थाली का हिस्सा बनाने की जरूरत है, क्योंकि यह फसलें ग्लूटेन फ्री है। साथ ही इनका ग्लाइसों इंडेक्स गेहूं-धान की तुलना में काफी कम है।
उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी मधुमेह, मोटापें सहित कई दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही है वही महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या जगजाहिर है। ऐसे में जिंक, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर मिलेट्स फसलों को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने रारी द्वारा जिंक, आयरन से भरपूर बाजरा किस्म आरएचबी-233 और आरएचबी-234 किस्म के विकास पर खुशी जताई। साथ ही मिलेट्स के प्रचार, प्रसार, जागरूकता और वैल्यू एडिशन पर जोर दिया।
इस अवसर पर श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने बताया कि प्रदेश में 45 लाख हैक्टर जमीन में बाजरे की बुवाई होती है। राजस्थान में देसी बाजरी के दर्जन भर से ज्यादा जर्मप्लाज्म उपलब्ध है, जिनका उपयोग बाजरे की नवीन संकर किस्मों के विकास मे किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पूसा नई दिल्ली के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक का विकास किया है जिससे बाजरे के आटे को तीन महीने तक संरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय मिलेट किस्मों के विकास के साथ-साथ मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण पर ध्यान दे रहा है।
इस मौके पर डॉ बैरवा ने विश्वविद्यालय द्वारा तैयार कृषि कलेण्डर 2024 एवं मिलेट्स आधारित कृषि फोल्डर का विमोचन किया। उन्होंने मिलेट्स प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मिलेट्स के बिस्किट, लड्डु, तथा केक का स्वाद चखा। उपमुख्यमंत्री ने मिलेट्स एनटरप्रयोन्यर से मिलेट्स उत्पादों की जानकारी भी ली।
कार्यक्रम में राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बलौदा, मिलेट्स विकास निदेशालय जयपुर के निदेशक डॉ. सुभाष चन्द्र, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव रामरतन शर्मा सहित बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक, किसान और विद्यार्थी मौजूद थे। इस अवसर पर श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मिलेट्स जनजागरूकता रैली भी निकाली गई।