नई दिल्ली। सरकार ने आज राज्यसभा को बताया कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन द्वारा जारी 1.41 लाख करोड़ रपए के तेल बाँड के लिए मोदी सरकार ने 3.5 लाख करोड़ रुपए चुकाये हैं जबकि पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद में की गई कटौती से 2.2 लाख करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है।
पेट्रोललियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सुशील मोदी के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी देते हुए कहा कि संप्रग सरकार द्वारा तेल बॉण्ड के माध्यम से जुटाये गये ऋण पर मोदी सरकार को बहुत अधिक रकम चुकानी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में आयी तेजी के बावजूद उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पिछले वर्ष दोबार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्कों में कटौती की जिसके कारण केन्द्रीय राजस्व को 2.2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों ने वैट में भी कमी जिसके कारण उपभोक्ताओं को 96 रुपए प्रति लीटर के आसपास पेट्रोल मिल रहा है जबकि गैर भाजपा शासित राज्यों में उपभोक्ताओं को इससे औसतन 12 रुपए प्रति लीटर अधिक चुकाना पड़ रहा है।