हवाला कारोबार : सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक को दी दो महीने की अंतरिम जमानत

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने हवाला कारोबार मामले में चिकित्सकीय आधार पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता नवाब मलिक को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी।

न्यायामूर्ति अनिरुद्ध बोस तथा न्यायामूर्ति बेला एम त्रिवेदी की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पूरी तरह से स्वास्थ्य के आधार पर मलिक को अंतरिम जमानत प्रदान कर दी।

शीर्ष अदालत की ओर से फैसला सुनाए जाने के बाद मलिक के वकील अमित देसाई ने बताया कि वह बहुत खुश है कि शीर्ष अदालत ने उन्हें (मलिक) को स्वास्थ्य आधार पर अंरिम जमानत दे दी।

उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरा मुवकिल को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत मिल गई। सॉलिसिटर जनरल ने चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध नहीं किया। कागजी कार्यवाही पूरा करने के बाद मलिक एक या दो दिन में जेल से रिहा हो जाएंगे।

उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से न्यायालय में उपस्थित हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिकित्सकीय आधार पर मलिक को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध नहीं किया।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मलिक हवाला कारोबार मामले में मार्च 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं। मलिक ने चिकित्सकीय आधार पर जमानत की याचिका बॉम्बे उच्च न्यायालय से खारिज होने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

मलिक की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल न्यायालय में दलील पेश की और कहा कि मलिक किडनी सहित विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं और उनके दाहिने तरफ की किडनी की स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने बताया कि मलिक पिछले 16 महीने से किडनी का इलाज करवा रहे हैं।

इसके बाद मेहता ने कहा कि अगर मलिक को निश्चित समय के लिए चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

इसके बाद अदालत ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में किडनी तथा अन्य अंग संबंधी बीमारियों का इलाज करवा रहा है। उन्हें उपचार करवाने हेतु दो महीने के लिए रिहा किया जा रहा है। जहां तक मुख्य याचिका का संबंध है, जवाबी हलफनामा पांच सप्ताह में दाखिल किया जाए, उसके बाद तीन सप्ताह के भीतर प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए, जबकि 10 सप्ताह बाद सूची जमा की जाए।