जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कार्यरत साढ़े दस हजार से अधिक संविदा कार्मिकों को नियमित करने के लिए पदों के सृजन करने सहित विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी हैं।
गहलोत ने राज्य में राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के तहत संविदा पर कार्यरत 10528 कार्मिकों को नियमित करने के लिए नए पदों के सृजन की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कार्यरत नौ वर्ष या इससे अधिक का कार्यानुभव रखने वाले संविदा कार्मिकों के लिए संविदा पदों के स्थान पर 4966 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।
ये पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे। नवसृजित पदों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 1698, ग्राम रोजगार सहायक के 1548, डाटा एंट्री सहायक के 699, लेखा सहायक के 622, एम.आई.एस. मैनेजर के 159, सहायक के 150, समन्वयक (अभिसरण एवं मूल्यांकन) के 48, समन्वयक (आई.ई.सी./प्रशिक्षण/पर्यवेक्षण) के 40 तथा प्रोग्रामिंग एवं एनालिसिस विशेषज्ञ व प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ का 1-1 पद शामिल हैं।
इसी प्रकार गहलोत ने राजस्थान मदरसा बोर्ड में भी 9 वर्षों से अधिक का कार्यानुभव रखने वाले कार्मिकों को नियमित करने के लिए संविदा पदों के स्थान पर 5562 पदों के सृजन का फैसला किया है। नवसृजित पदों में शिक्षा अनुदेशक के 5220, कम्प्यूटर अनुदेशक के 215, कम्प्यूटर शिक्षा सहयोगी के 88 एवं शिक्षा सहयोगी के 39 पद शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के 333 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। प्रस्ताव के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी के 25 पद, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 50 पद, सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 75 पद तथा वरिष्ठ सहायक के 183 पदों का सृजन होगा। गहलोत के इस निर्णय से विभाग के कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर बढेंगे एवं पंचायती राज संस्थाओं में कार्यों का निष्पादन और अधिक प्रभावी एवं सुगमता से हो सकेगा।
उन्होंने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों के कैडर पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। प्रस्ताव के अनुसार कैडर पुनर्गठन में 75 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा। पुनर्गठन के बाद संवर्ग में कुल 242 पद होंगे। इनमें संस्थापन अधिकारी के 2 पद, प्रशासनिक अधिकारी के 6 पद, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 19 पद, सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 40 पद, वरिष्ठ सहायक के 50 पद तथा कनिष्ठ सहायक के 125 पद शामिल हैं। गहलोत के इस निर्णय से विभाग के कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर बढेंगे तथा विभागीय कार्यों का निष्पादन और अधिक प्रभावी एवं सुगमता से हो सकेगा।
गहलोत ने कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर तथा संघटक महाविद्यालयों के लिए 45 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर, कृषि महाविद्यालय, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, प्रौद्योगिकी और कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय जोधपुर, कृषि महाविद्यालय सुमेरपुर, कृषि महाविद्यालय नागौर, कृषि महाविद्यालय बायतू तथा कृषि अनुसंधान स्टेशन मंडोर में 27 शैक्षणिक एवं 18 अशैक्षणिक पदों का सृजन किया जाएगा। शैक्षणिक पदों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि पद तथा अशैक्षणिक पदों में अनुभागाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी, कनिष्ठ सहायक आदि पद शामिल हैं।
उन्होंने जोधपुर में नव स्थापित महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय में 18 नवीन पदों की सृजन की अनुमति दी है। इन पदों में कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, निजी सचिव, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-1, अनुभागाधिकारी, वरिष्ठ सहायक का 1-1, निजी सहायक ग्रेड-2, सूचना सहायक, कनिष्ठ सहायक एवं वाहन चालक के 2-2 तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 3 पद शामिल हैं। गहलोत के इस फैसले से दिव्यांगजन बेहतर उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने फलौदी जिले की देचूं पंचायत समिति के ग्राम चौरडिया स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने के साथ ही, इसका नामकरण स्व. श्री कल्याण सिंह के नाम पर करने की मंजूरी दी है। गहलोत ने इसके लिए 8 अतिरिक्त पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी है। नव स्वीकृत पदों में नर्स श्रेणी-द्वितीय एवं वार्ड ब्वॉय के दो-दो तथा चिकित्सा अधिकारी, महिला स्वास्थ्य दर्शिका, फार्मासिस्ट एवं लैब टैक्नीशियन के एक-एक पद शामिल हैं। गहलोत के इस निर्णय से लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर में बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीमा पर बोरेश्वर मंदिर के निकट माही नदी पर दो लेन का उच्च स्तरीय पुल और पुल के दोनों ओर पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु 75.31 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। मुख्यमंत्री ने इस आशय के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। यह पुल एसआरएफ-एमडीआर योजना के अन्तर्गत बनाया जाएगा।