यरुशलेम/गाजा। इजराइल और फिलीस्तीनी कट्टरपंथी समूह हमास के बीच जारी युद्ध में अब तक 21,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक गत सात अक्टूबर से जारी युद्ध में अब तक 20,258 फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं जबकि हमास की ओर से शुरु किए गए हमले में करीब साढ़े 12 सौ इजराइली मारे जा चुके हैं।
इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने रविवार को कहा कि फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के साथ संघर्ष में वृद्धि में मारे गए इजराइली सैनिकों की संख्या 485 तक पहुंच गई है। आईडीएफ ने कहा कि शनिवार को आठ और सैनिक मारे गए। सेना ने कहा कि युद्ध शुरू होने से अब तक 1996 सैन्यकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 321 को गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि गत सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजराइल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया, जबकि उसके लड़ाकों ने सीमा का उल्लंघन किया, सेना और नागरिकों पर गोलीबारी की। परिणामस्वरूप, इजराइल में 1,200 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 240 अन्य का अपहरण कर लिया गया।
इजराइल ने जवाबी हमले शुरू किए, गाजा की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया और हमास लड़ाकों को खत्म करने और बंधकों को बचाने के घोषित लक्ष्य के साथ फिलिस्तीनी इलाके में जमीनी घुसपैठ शुरू की। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि इज़राइली हमलों के परिणामस्वरूप गाजा में अब तक 20,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
इस बीच गत 24 नवंबर को कतर ने इजराइल और हमास के बीच एक अस्थायी संघर्ष विराम तथा कुछ कैदियों और बंधकों की अदला-बदली के साथ-साथ गाजा पट्टी में मानवीय सहायता के वितरण पर एक समझौते में मध्यस्थता की। युद्धविराम को कई बार बढ़ाया गया जो एक दिसंबर को समाप्त हो गया।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार कैरोल्स, कुकीज़ और क्रिसमस रोशनी के माध्यम से, 25 दिसंबर को दुनिया भर में दो अरब से अधिक ईसाइयों के लिए यीशु के जन्म का जश्न मनाया जाएगा। पर फिलिस्तीन में तेजी से घट रहे 50,000 ईसाइयों के लिए यह दिन किसी काली अंधेरी रात के सामान ही होगी।
अक्टूबर में गाजा के सबसे पुराने ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च सेंट पोर्फिरियस पर बमबारी से फिलिस्तीन में ईसाइयों की सुरक्षा को झटका लगा था जिसमें बच्चों सहित कम से कम 18 लोग मारे गए थे। इजराइली सेना ने शनिवार को गाजा के एक कैथोलिक चर्च में एक बुजुर्ग ईसाई मां और उसकी बेटी की भी गोली मारकर हत्या कर दी।
इस वर्ष फिलिस्तीन में क्रिसमस की विशेषता वाले कई उल्लासपूर्ण अनुष्ठानों को सरल समारोहों, शोक और प्रार्थनाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, जो क्षेत्र की वर्तमान वास्तविकता पर एक कठोर प्रकाश डालेंगे।