शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक दुखद घटना में सोशल मीडिया के प्रेम के लिए एक महिला ने अपने चार साल की मासूम बेटी की निर्मम हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। महिला को यह भी इल्म नहीं हुआ कि जिसके लिए वह घर छोड़ रही और साथ ही मासूम को मौत के घाट उतार रही है वो प्रेमी पहले भी 10-12 लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा चुका था।
राज्य में वैसे तो जंघन्य अपराध का स्तर आमतौर पर कम माना जाता है लेकिन कभी-कभी ऐसे मामले भी सामने आते हैं जो हर किसी को झंझोड़ देते हैं। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला हिमाचल में सामने आया है। सोशल मीडिया के प्रेम के लिए के एक महिला ने अपने चार साल की मासूम बेटी की निर्मम हत्या कर दी।
मासूम को जीते जी तो मां की ममता नहीं मिली बल्कि कब्र में भी निर्माेही मां ने चैन नहीं लेने दिया क्योंकि वो जानती थी कि जिस दिन राज खुलेगा उस दिन बेटी के शव को भी कब्र से निकाला जाएगा। घटना दर्शाती है कि कैसे सोशल मीडिया पर पनपे प्रेम संबंध कभी-कभी कितनी भयानक त्रासदियों में बदल सकते हैं। यह मामला ना सिर्फ हिमाचल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि प्रेम के जाल में फंसकर भावनाओं में बहकर उठाए गए कदम कितने घातक हो सकते हैं।
शाहपुर के नौशेरा की 30 वर्षीय अनीता देवी की मुलाकात सोशल मीडिया के माध्यम से ठियोग, शिमला के सोनू से हुई। सोनू पेशे से ड्राइवर है जो अनीता को प्रेम जाल में फंसाने में कामयाब रहा। गत 26 जुलाई को अनीता अपनी चार वर्षीय बेटी को लेकर सोनू के साथ भाग गई। जांच में यह सामने आया है कि सोनू हर तीन-चार महीने में एक नई लड़की को घर ले जाता था। लिहाजा इस बार उसे अनीता के साथ घर में रहने की अनुमति नहीं मिली तो वह जंगल में ढारा बना कर रहने लगा था।
अनीता के घर से भागने के बाद उसकी सास ने शाहपुर थाने में 27 जुलाई को अनीता और उसकी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत उनकी तलाश शुरू की और सोशल मीडिया और अन्य साधनों का उपयोग करके सुराग जोड़ना शुरू किया। पुलिस की मेहनत रंग लाई और सात अगस्त को अनीता और सोनू को पंजाब के जीरकपुर में पाया गया। पर हैरानी की बात थी कि उनके साथ बच्ची नहीं थी। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो जो सच्चाई सामने आई, उसने सबको चौंका दिया।
पुलिस पूछताछ में अनीता और सोनू ने बताया कि बच्ची की मौत संक्रमण के कारण हो गई थी और उन्होंने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस को यह बयान संदेहास्पद लगा और सख्ती से पूछताछ के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने बच्ची की हत्या कर दी है और उसे ठियोग के जंगल में दफना दिया है। शाहपुर पुलिस ने ठियोग के जंगल में जाकर बच्ची के शव को बरामद किया और राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस घिनौने अपराध की पुष्टि हुई।
कांगड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीर बहादुर ने कहा कि इस निर्मम हत्याकांड के चलते पुलिस ने अनीता देवी और सोनू के खिलाफ बीबीएनएस की धारा 103 व 238 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
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