सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउण्ट आबू के आयुक्त रामकिशोर को डीएलबी ने एपीओ कर दिया है। इतना ही नहीं उनके कार्यकाल के दौरान के कामों की जांच के लिए जांच समिति भी गठित कर दी है।
डीएलबी डायरेक्टर सुरेश कुमार ओला ने एक आदेश पारित करके माउण्ट आबू के उपखण्ड अधिकारी के कार्यकाल के दौरान हुए कामों की जांच के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश में बताया गया है कि आबूपर्वत नगर पालिका क्षेत्र में ईको सेंसेटिव जोन प्रभावी है एवं सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी के द्वारा संपूर्ण नगर पालिका क्षेत्र में भवन व कुछ अन्य गतिविधियों पर नियमानुसार रोक लगाई गई है।
विभाग द्वारा नगर पालिका आबूपर्वत द्वारा पट्टे जारी करने व निर्माण कार्यों की निविदाओं में वित्तीय अनियमितता से संबंधित शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों के अनुसार उपरोक्त आदेशों/निर्देशों की अवहेलना सामने आई है। इस संबंध में विभाग के द्वारा उच्च स्तरीय जांच समति का गठन करते हुए अनियमितताओं की 15 दिनों में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।
माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार
रामकिशोर को एपीओ करके तुरंत प्रभाव से निदेशालय में उपस्थिति देने के निर्देश जारी किए हैं। अगली व्यवस्था होने तक माउण्ट आबू के उपखण्ड अधिकारी को माउण्ट आबू नगर पालिका के आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
रसूखात वालों पर मेहरबानी
माउण्ट आबू में पिछले पांच सालों में लगे आयुक्तों ने सिर्फ लिम्बड़ी कोठी की तरफ ध्यान दिया। आरोप ये लगता रहा कि लिम्बड़ी कोठी के काम को करने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की सीधी मेहरबानी बरसती रही थी।
ऐसे में यहां पर पिछले पांच साल से तैनात आयुक्तों के हौसले बुलंद थे। जी प्लस टू से ज्यादा के निर्माण की अनुमति नहीं होने के बावजूद रामकिशोर और दूसरे आयुक्तों के कार्यकाल में लिम्बड़ी कोठी का पूरी तरह से आंतरिक परिवर्तन करके एक अतिरिक्त माला भी खड़ा करवा दिया गया।
जिन चीजों के लिए वो रसूखात वाले लोगों को निर्माण अनुमति दे रहे थे, नियमों में होते हुए भी माउण्ट आबू के आम आदमी को तरसा रहे थे। रामकिशोर यहां पर लगातार दो बार आयुक्त रहे। अपने आयुक्त काल में वो किसी का फोन तक नहीं उठाते थे।
पिछले पांच सालों में माउण्ट आबू नगर पालिका में आये आयुक्तों पर अपने चैम्बर में नहीं बैठने और घर से ही कार्यालय चलाने के आरोप भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षद लगाते रहे। लेकिन, सत्ता के शीर्ष लोगों की वरदहस्ती के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
क्या होगा पट्टों का
माउण्ट आबू नगर पालिका के आयुक्त जोनल मास्टर प्लान रिवाइज्ड नहीं होने के बहाना करके माउण्ट आबू के लोगों के नव निर्माण, पुननिर्माण की अनुमतियां अटकाए रहे। लेकिन, इसी जोनल मास्टर के एनजीटी के आदेशानुसार रिवाइज्ड नहीं होने तक पट्टे जारी करने पर भी रोक थी। लेकिन, रामकिशोर के कार्यकाल के दौरान मुक्त हस्त से नियमों के विपरीत जाकर पट्टे बांटने के आरोप लगते रहे।
जोनल मास्टर प्लान के रिवाइज्ड होने के नाम पर माउण्ट आबू के लोगो को जानलेवा हो चुके जर्जर भवनों के पुननिर्माण और नवनिर्माण की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस ने रतन देवासी ने पूर्व में पत्र लिखकर जोनल मास्टर प्लान के रिवाइज्ड होने तक पट्टे जारी करने को भी स्थानीय लोगों के साथ धोखा बताया था।
उन्होंने बताया था कि ऐसा करने से स्थानीय लोगों के पट्टों के लिए खर्च की गई राशि के डूबने की आशंका रहेगी। इसके बावजूद मनमर्जी करते हुए पट्टे जारी किए जाते रहे। अब इन पट्टों के खारिज होने का खतरा भी मंडरा रहा है। भाजपा के द्वारा पट्टों में जबरदस्त अनियमितता करने के आरोप भी लगते रहे। यहीं नहीं निविदाओं में भी अनियमितता की शिकायतें सामने आई थी।
इनका कहना है….
आयुक्त रामकिशोर को एपीओ किए जाने का आदेश आया है। शनिवार होने के कारण उन्हें रिलीव नहीं किया गया है।
जीतू राणा
अध्यक्ष, नगर पालिका माउण्ट आबू।