एमटीएफ 3.0 राजसमन्द में, मेवाड़ टॉक फेस्ट का पोस्टर विमोचन

पुस्तकों से भी जीवन की दिशा मिलती है : मनोज कुमार
उदयपुर। मेवाड़ के चार प्रमुख स्थानों उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ में मेवाड़ टॉक फेस्ट के तीसरे संस्करण का पोस्टर विमोचन हुआ। 11-12 जनवरी को राजसमंद में होने वाले एमटीएफ 3.0 में में विभिन्न प्रकाशकों की सैकड़ों शीर्षक की पुस्तकें प्रदर्शनी एवं विक्रय के लिए उपलब्ध रहेगी। साथ में कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों पर लेखक संवाद करेंगे।

राजसमंद में विमोचन

राजसमंद में होटल केशव इन में आयोजित विमोचन समारोह में मनोज कुमार ने कहा कि पुस्तकें व पुस्तकों पर संवाद समाज को विचार देते है। इस तरह के फेस्ट में हर दृष्टिकोण से विचार आना चाहिए। विशेषकर भारत केन्द्रित दृष्टिकोण भी। ये इवेंट फैक्ट व फेक नरेटिव का अंतर करने में सहायक होते हैं।

इस अवसर पर अतिथि वाणिज्यिक कर विभाज से निवृत्त अतिरिक्त आयुक्त पद्मेश तैलंग ने कहा कि राजसमंद एक, वैचारिक, साहित्यिक एवं तीर्थ नगरी है। यहां एमटीएफ के आयोजन से युवाओं का रूझान वैचारिक एंगल के साथ पुस्तकों की तरफ बढ़ेगा। राजसमंद में आयोजित पोस्टर लॉन्च कार्यक्रम के संरक्षक सतीश आचार्य ने भूमिका, संचालन गोपाल कुमावत व धन्यवाद नवीन चौरड़िया ने किया।

उदयपुर में पुस्तकालय में चर्चा

उदयपुर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक कमलेश शर्मा, एमटीएफ टीम के संरक्षक मदन मोहन टांक और साहित्य परिषद के मनोज कुमार ने पोस्टर का विमोचन सूचना केन्द्र कार्यालय पर किया। मनोज कुमार ने उपस्थित युवाओं एवं आयोजक टीम के सदस्यों से चर्चा करते हुए पुस्तकों व युवाओं के मध्य सेतु बनने का सुझाव दिया। इसके लिए साहित्य उत्सवों में सहभागी बनने का आह्वान किया।

चित्तौड़गढ में कलक्टर ने किया विमोचन

रीडर्स क्लब के नवीन शर्मा ने बताया कि कॉपरेटिव बैंक के कांफ्रेंस हॉल में क्लब के सदस्यों ने पुस्तक, समीक्षा, परिचय एवं विविधता पर सारगर्भित चर्चा की। अध्ययन एवं लेखन की कला पर कार्यशालाओं के आयोजन के प्रयास बढ़ाने के विचार व्यक्त किए। इसके उपरांत जिला कार्यालय में कलक्टर आलोक रंजन द्वारा आयोजक प्रतिनिधियों के साथ एमटीएफ 3.0 का पोस्टर विमोचन किया।

भीलवाड़ा में विद्यार्थियों से परिचर्चा

विचार मीमांसा डिस्कशन ग्रुप के दीपक ने बताया कि भीलवाड़ा के कोचिंग संस्थान में प्रतियोगी विद्यार्थियों के साथ आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में लिटरेचर, टॉक व बुक फेस्ट के महत्व एवं उद्देश्यों पर चर्चा हुई। विद्यार्थियों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन यूथ कों अनेक अवसर देने के साथ नए विचार जानने का मौका भी देते हैं। जिससे वर्तमान परिदृश्य विमर्शों से युवा परिचित और सजग हो सकते हैं। अंत में साहित्य परिषद के मनोज कुमार, कोचिंग संचालक प्रशांत परमार व विद्यार्थियों ने पोस्टर लॉन्च किया।

समन्वयक डॉ सुनील ने बताया कि दो दिवसीय इस फेस्ट की थीम भारत के स्व की कहानी होगी। हाउ टू रीड व क्रिएटिव राइटिंग विधा पर वर्कशॉप, ड्राइंग एंड पेंटिंग और स्टोरी टेलिंग की कॉम्पिटिशन, साहित्यिक वार्ता सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होंगे।

साहित्यिक सत्रों में लेखक सुरेंद्र सिंह राव, लेखक मुरारी गुप्ता, विवेकानन्द केन्द्र के उमेश चोरसिया, आईआईएमसी प्रो संगीता प्रणवेन्द्र, राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के फिल्म विभाग के प्रो अमिताभ, सुखाडिया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रो कुंजन आचार्य, लेखक चन्द्रेश टेलर, सोशल मीडिया एक्सपर्ट योगेश राजपुरोहित अपने सुझाव साझा करेंगे।

मेवाड़ टॉक फेस्ट का परिचय देते हुए एमटीएफ 1.0 के समन्वयक विकास छाजेड़ ने बताया कि पुस्तक एवं संवाद का यह उत्सव एक ऐसा आयोजन है, जिसमें लेखक, प्रकाशक और पाठकों को एक मंच पर आने का अवसर मिलता है। फेस्ट का मुख्य उद्देश्य साहित्य, शिक्षा और ज्ञान के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।

यहां पाठक अपनी रुचि की पुस्तके खरीद सकते हैं, लेखकों से बातचीत कर सकते हैं और साहित्य से जुड़ी कार्यशालाओं एवं विविध गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। विकास ने बताया कि मेवाड़ टॉक फेस्ट की संपूर्ण जानकारी वेबसाइट मेवाड़ टॉक फेस्ट डोट कॉम पर उपलब्ध है। फेस्ट में प्रवेश के लिए पूर्व पंजीकरण अनिवार्य रहेगा, जो कि पूर्णतया निशुल्क रहेगा।

संविधान के 75 वर्ष पर प्रदर्शनी

संविधान लागू होने के 75 वर्ष होने पर प्रदर्शनी का आयोजन होगा। जिसका उद्घाटन 10 जनवरी शाम को होगा।

अहिल्याबाई होल्कर पर नाटिका

12 जनवरी 2025 शाम को लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वे वर्ष के अवसर पर नाटिका मंचन का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा।

पिछले संस्करण

मेवाड़ टॉक फेस्ट 1.0

सुभाषचंद्र बोस जयंती के अवसर पर 23 जनवरी 2023 को महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर में पराक्रमी भारत थीम पर आयोजित हुआ।

मेवाड़ टॉक फेस्ट 2.0

30-31 मार्च 2024 को मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में उदीयमान भारत थीम पर आयोजित हुआ। जिसमें वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक पहचान और अन्य सत्र में संविधान में भारतीयता पर संवाद हुआ।