बच्चा बेचने के रैकेट में पश्चिम बंगाल से एक महिला डॉक्टर अरेस्ट

मुंबई। मुंबई पुलिस ने बाल तस्करी के मामले में दो नाबालिग बच्चों को बचाया तथा पश्चिम बंगाल के हुगली से एक महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि मामला पांच अगस्त 2024 का है, जब अमर धीरेन सरदार (65) ने अपने दामाद अनिल पुरवैया और दो वर्षीय पोते के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि अनिल पुरवैया ने कथित तौर पर अपने पुत्र को तीन लोगों, आसमा शेख, शरीफ शेख और आशा पवार की मदद से करीब 1.6 लाख में बेचा था। आरोपी की पहचान रेशमा संतोष कुमार बनर्जी (43) के रूप में हुई है।

अनिल और आसमा को मुंबई में गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ में आशा पवार की संलिप्तता का पता चला। पुलिस ने बताया कि उसे हैदराबाद में गिरफ्तार किया गया और उसने कबूल किया कि नौ जुलाई, 2024 को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर अन्य आरोपियों की मदद से रेशमा नामक डॉक्टर को बच्चा बेचा गया था। तकनीकी जांच में रेशमा भुवनेश्वर के कई अस्पतालों से जुड़ी पाई गई, लेकिन पुलिस के पहुंचने तक वह नौकरी छोड़ चुकी थी।

पुलिस ने बताया कि उसकी लोकेशन पश्चिम बंगाल के हुबली में ट्रैक की गई और मुंबई पुलिस की एक टीम ने उसे तस्करी किए गए बच्चे और एक अन्य अज्ञात तीन वर्षीय बालिका के साथ गिरफ्तार कर लिया।
रेशमा को सेरामपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और ट्रांजिट रिमांड प्राप्त की गई।

बचाए गए बच्चों को हुबली में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया। एक बच्चे को मुंबई पुलिस टीम को सौंप दिया गया, जबकि अज्ञात बालिका को आश्रय गृह में रखा गया। मुंबई में, आरोपी को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।