मुंबई। भारतीय अर्थव्यवस्था के दुनिया में सबसे तेज 8.2 प्रतिशत की गति से वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ने और आम चुनाव में नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में मोदी 3.0 सरकार बनने के चुनाव बाद सर्वेक्षणों के रूझान से उत्साहित निवेशकों की लिवाली के बल पर आज शेयर बाजार ने नया रिकार्ड बनाया। इस दौरान बीएसई का सेंसेक्स 76 हजार अंक के स्तर को पार करते हुए 76468.78 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी भी पहली बार 23 हजार अंक के पार 23263.90 अंक पर रहा।
पिछले सप्ताहांत पर कारोबार बंद होने के बाद वित्त वर्ष 2023-24 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े आये थे जिसमें भारत 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि के साथ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहा है। हालांकि अधिकांश प्रमुख वैश्विक एजेंसियों ने इसके 7.0 प्रतिशत आसपास रहने का अनुमान जताया था। एक जून को आम चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान हुआ था और उसके बाद जारी एक्जिट पोल में मोदी 3.0 का अनुमान जताया गया है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन आज शुरूआती कारोबार में ही इन दोनों पहलुओं का असर दिखा और उत्साहित निवेशकों की लिवाली के बल पर शेयर बाजार ने नया रिकार्ड कायम किया। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2622 अंक की छलांग लगाकर पहली बार 76 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 76,583.29 अंक पर खुला और रिकॉर्ड लिवाली की बदौलत थोड़ी देर बाद ही 76,738.89 सार्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। हालांकि रिकॉर्ड ऊंचे भाव पर निवेशकों ने मुनाफा भी वसूला, जिससे सेंसेक्स 75,678.43 अंक के निचले स्तर पर भी रहा। अंत में यह पिछले दिवस के 73961.31 अंक की तुलन में 2507.47 अंक अर्थात 3.39 प्रतिशत की रिकार्ड तेजी के साथ पहली बार 76 हजार अंक के स्तर को पार करते हुए 76467.78 अंक पर रहा।
इसी तरह से एनएसई का निफ्टी 807 अंक की उड़ान भरकर 23,337.90 अंक पर खुला और 23,338.70 अंक के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। सत्र के दौरान यह 23062.30 अंक के निचले स्तर तक उतरा भी। अंत में यह पिछले दिवस के 22530.70 अंक की तुलना में 733.20 अंक अर्थात 3.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ पहली बार 23 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुये 23263.90 अंक पर रहा। बीएसई में कुल रिकार्ड 4115 कंपनियों में कारोबार हुआ जिनमें से 2346 हरे निशान में और 1615 लाल निशान में रही जबकि 145 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई की तूफानी तेजी में दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों में लिवाली कुछ सुस्त रही। बीएसई का मिडकैप 3.54 प्रतिशत अर्थात 1514 अंकों की बढ़त के साथ 44367.67 अंक पर और स्मॉल कैप 2.05 प्रतिशत अर्थात 968.64 अंक बढ़कर 48232.30 अंक पर रहा।
बीएसई के सभी समूह हरे निशान में रहे। इस दौरान कैपिटल गुड्स, पीएसयू बैंक, तेल एवं गैस, पावर और रियल एस्टेट में 5 से 7 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई। हेल्थकेयर में सबसे कम 0.11 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
वैश्विक स्तर से मिश्रित संकेत मिले। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.27 प्रतिशत, जापान का निक्केई 1.13 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 1.79 प्रतिशत और जर्मनी का डेक्स 0.86 प्रतिशत की तेजी रही जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट 0.27 प्रतिशत उतर गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में इस तूफानी तेजी में पांच कंपनियां लाल निशान में रही। जिन कंपनियों को नुकसान हुआ उनमें एचसीएल टेक, इंफोसिस, नेस्ले इंडिया, सन फार्मा और एशियन पेंट्स शामिल है। एनटीपीसी में सबसे अधिक 9.21 प्रतिशत की तेजी रही जबकि टाइटन में सबसे कम 0.57 प्रतिशत बढ़त देखी गई। इसी तरह से निफ्टी में शामिल 50 कपंनियों में से सात को नुकसान उठाना पड़ा जबकि 43 हरे निशान में रही।