जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में नगर निगम हैरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर ने न्यायालय के उनके निलंबन से रोक हटाए जाने के बाद सोमवार को यहां फिर महापौर का कार्यभार संभाला।
इस अवसर पर गुर्जर ने मीडिया से कहा कि वह जनता की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने हमेशा जनता की सेवा के लिए काम करने का प्रयास किया हैं और उनके निलंबन के दौरान निगम में सफाई व्यवस्था एवं अन्य बहुत से कार्यों में शिथिलता आई है। उन्होंने कहा कि अब फिर से काम संभाल लिया हैं और अब निगम की सफाई व्यवस्था एवं लंबित कार्यों में तेजी लाने के लिए क्षेत्र में दौरा कर हालत को बेहतर बनाने के लिए काम किए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने कभी किसी की लकीर को छोटा करने का प्रयास नहीं किया। विधानसभा चुनाव में उन्होंने टिकट की मांग की थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला, कोई बात नहीं, टिकट मांगने का सबको अधिकार है। गुर्जर ने कहा कि उन्होंने हमेशा सरकार पर विश्वास किया है और वह उसके साथ है।
कार्यभार संभालने से पूर्व गुर्जर ने मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, गोविंद देव जी एवं हैरिटेज मुख्यालय में स्थित गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की। उनके कार्यभार संभालने के समय उपमहापौर असलम फारुखी एवं कई पार्षद मौजूद थे। इस अवसर फारुखी एवं अन्य पार्षदों ने गुर्जर का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने बुधवार को गुर्जर के निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया था। गुर्जर के पति सुशील गुर्जर के गत चार अगस्त को रिश्वत मामले में पकड़े जाने के बाद इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने गुर्जर को निलंबित कर दिया था। इसके बाद उनके न्यायालय की शरण में जाने के बाद उनके निलंबन को सरकार ने वापस ले लिया था। इसके बाद 22 सितंबर को गुर्जर को फिर निलंबित कर दिया गया था।