अजमेर। शहर कांग्रेस की गुटबाजी गुरुवार को बेपर्दा हो गई। नगर निगम के कांग्रेसी पार्षदों ने अपनी ही पार्टी की नेता प्रतिपक्ष द्रोपदी कोली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
अंदरूनी कलह और गुटबाजी के चलते एक दशक से कांग्रेस नगर निगम में अपना बोर्ड नही बना पाई। विधानसभा चुनावों में जीतना तो दूर की कौडी हो चुका है। लोकसभा चुनाव में भी मुंह की खाने के बावजूद कांग्रेसी नेता, पदाधिकारी और पार्षद एक दूसरे की टांग खींचने में ही सारी उर्जा खपा रहे हैं।
बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस के 15 पार्षदों ने निगम में नेता प्रतिपक्ष द्रोपदी कोली पर खुलेअआम आरोपों की झडी लगाते हुए दो टूक कहा कि वे क्षेत्र की समस्याओं के लिए किसी भी पार्षद के साथ खड़ी नहीं रहतीं। कांग्रेस पार्षद अपने स्तर पर वार्ड के विकास के लिए निगम में जूझते रहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि द्रोपदी कोली पर नगर निगम बोर्ड और प्रशासन के साथ मिलीभगत होने का आरोप तक जड दिया।
इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को 15 पार्षदों के हस्ताक्षरित किया हुआ पत्र भेजकर याद दिलाया गया कि हमने 12 जुलाई को भी पत्र भेजकर द्रोपदी कोली को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने की मांग उठाई थी लेकिन आपने कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। ऐसे में मजबूर होकर कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों ने एक आपात बैठक बुलाकर द्रोपदी कोली के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास कर दिया है। बैठक में 18 में से 15 पार्षद मौजूद रहे हैं।
प्रदेशाध्यक्ष से मांग उठाई गई है कि आगामी 10 दिन के भीतर पर्यवेक्षक भेजकर किसी अन्य पार्षद को नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष घोषित करें अन्यथा हम सभी पार्षद अपना नेता स्वयं चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी पार्टी आलाकमान की होगी। इस पत्र की प्रति राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, सुखविंदर रंधावा, अअमृता धवन, सचिन पायलट, अशोक गहलोत, शहर अध्यक्ष विजय जैन, राजकुमार जयपाल, नसीम अख्तर, महेन्द्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी समेत वरिष्ट नेताओं को भी प्रेषित की गई है।