अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी शनिवार को दरगाह शरीफ में परम्परागत तरीके से धार्मिक रस्मों के साथ मनाई गई, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों अकीदतमंदों ने भाग लिया।
अजमेर दरगाह स्थित आहाता-ए-नूर में छठी की फातहा का कार्यक्रम शानोशौकत से हुआ। जिसमें कुरान की तिलावत के बाद ख्वाजा साहब की शान में नात एवं मनकबत पेश किए गए। दरगाह स्थित अन्जुमनों से जुड़े खादिमों ने सभी धार्मिक रस्में पूरी की और गरीब नवाज की शिक्षाओं तथा उनकी जीवनी का बयान कर हर आम और खास से उसे जीवन में अपनाने तथा अमल में लाने का संदेश दिया। उसके बाद सभी ने मुल्क में अमनोअमान, खुशहाली, भाईचारे तथा कौमीएकता के लिए दुआ की।
अन्जुमनों की ओर से सभी को तबर्रुक भी तकसीम किया गया। ख्वाजा साहब की महाना छठी में जायरीनों की उपस्थिति से दरगाह परिसर और दरगाह बाजार में मेले जैसा माहौल बना रहा। छठी में शिरकत करने के बाद जायरीनों का तेजी से लौटना शुरू हो गया।
अब ख्वाजा साहब की महाना छठी 813वें सालाना उर्स पर होगी। उर्स का झंडा 26 दिसंबर को चढ़ेगा तथा रजब का चांद दिखाई देने पर 31 दिसंबर से सालाना उर्स शुरू होगा। चांद दिखाई नहीं दिया तो एक जनवरी 2025 से उर्स शुरू होगा।