अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की भावना : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी भावना जाहिर करते हुए कहा है कि वह अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने चाहते हैं। गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर पालनहार योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए एक शेर सुनाया ना पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। ना हारूंगा हौसला उम्र भर, यह मैंने किसी और से नहीं, खुद से वादा किया है।

उन्होंने कहा कि मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है चाहे मैं किसी पद पर रहूं या ना रहूं कहीं भी रहूं, मैं प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा।

गहलोत पिछले दो महीनों से महंगाई राहत शिविरों के निरीक्षण और लोगों से लगातार संवाद कर रहे थे और हाल में उनके निवास पर उनका पैर फिसल जाने से उनके दोनों पैरों के अंगूठों में चोट लग गई। इसके बावजूद मुख्यमंत्री सोमवार को लाभार्थियों से संवाद किया और उन्होंने अपनी चोट का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे दोनों पैरों में एक साथ चोट लग गई। ऐसा कभी होता नहीं है। डॉक्टर कह रहे हैं हमने पहला ऐसा केस देखा है, जिसमें दोनों पैरों के अंगूठों में एक साथ फ्रैक्चर हो जाए, ऐसा कभी होता नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोई दुर्घटना हो जाए तो अलग बात है लेकिन सामान्य रूप से ऐसा नहीं होता। मैं देखता हूं भगवान ने यह जानबूझकर किया होगा। दो महीनों से मैं लगातार दौरे कर रहा था, सोचा होगा कुछ आराम कर लेगा तो ठीक रहेगा। तो यह घटना हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चिकित्सकों ने सलाह दी थी कि घर के अंदर से ही वीसी से जुड़कर लाभार्थियों से संवाद कर लूं लेकिन मेरे दोस्तों ने सलाह दी कि बच्चों का कार्यक्रम है तो आपको आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे तीन बार कोविड हुआ, छल्ला लग गया, निमोनिया हो गया फिर भी मैं जनता की सेवा करने में रुकने वाला नहीं हूं।