अजमेर। महिलाओं की सामाजिक व धार्मिक संगठन संजीवनी क्लब की ओर से गंज स्थित जनकपुरी में चल रही नानी बाई की कथा के अंतिम दिन शुक्रवार को नरसी जी महाराज के भक्ति भाव के आग्रह पर सांवरिया सेठ नानी बाई का मायरा भरने आए। सांवरिया सेठ ने नानी बाई का 56 करोड़ का मायरा भरा।
कथा में मौजूद भक्तों ने धूमधाम के साथ मायरा भरने का चरित्र चित्रण किया। भक्तों ने नरसी जी महाराज, नानी बाई, कृष्ण व रूक्मणी का रूप धारण कर मायरा की कथा कार्यक्रम को जीवंत रूप दे दिया।
संत पुष्कर दास महाराज ने नानी बाई के विवाह के प्रसंग सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कथा श्रवण करते भक्त कभी भावुक हो गए तो कभी भक्ति भाव से झूम उठे। नानी बाई मायरा कथा के प्रसंग सुनाते हुए महाराज ने कहा कि नरसीजी के ब्याई जी ने मायरे की इतनी बड़ी पत्रिका लिखी कि मायरा की पत्रिका के बारे में सुन नानी बाई चिंतित हो गई। वह भावुक होकर आंसू बहाने लगी और अपने पिताजी नरसी जी से मायरे में नहीं आने की विनती करने लगी।
जब नरसी जी को मायरे की पत्रिका मिली तो नरसी जी पत्रिका पाकर बहुत खुश हुए और कहा कि मुझे ब्याई जी ने याद तो किया। नरसी जी ने पत्रिका भगवान के सामने रख दी और भगवान से प्रार्थना और विनती कि भगवान ये मायरा तो आपको ही भरना है। आकाशवाणी से भगवान ने कहा कि नरसी तू मायरे की चिंता मत कर, मायरा तो मैं ही भरूंगा।
महाराज ने कहा कि जब नरसी जी मायरा भरने के लिए जाने लगे तो परिवार वालों को भी साथ चलने के बोला, लेकिन नरसी जी गरीब होने के कारण परिवार वाले कोई भी उनके साथ नहीं चले। नरसी जी नानी बाई का मायरा भरने पहुंच गए। नरसी जी और नानीबाई की प्रार्थना पर प्रसन्न होकर गाजे बाजे के साथ सांवरिया सेठ मायरा भरने आए और 56 करोड़ का नानी बाई का मायरा भरा।
सांवरिया सेठ के आगमन पर भक्तों ने जमकर फूल बरसाए और भजनों पर जमकर नाचे, गाए और झूमे। महाराज ने प्रवचनों में कहा कि संत लोग कहते हैं कि भगवान को बुलाने के लिए तीन चीजें प्रमुख है, प्रेम, प्रार्थना और प्रतीक्षा। ये चीजे जिसके पास होती होती है उसके पास भगवान चले आते हैं। जब महाराज ने दर्शन दो घनश्याम व अजी म्हारा नटवर नागरिया भजन सुनाया तो भक्त नाचते हुए जमकर झूमे।
क्लब संरक्षक अंजू पंसारी व कांता शाह ने बताया कि संत पुष्कर दास महाराज की संगीतमय कथा का सैकड़ों महिला व पुरुष भक्तों ने उल्लास से धर्म लाभ कमाया। आज की कथा के शुभारंभ में मीनू मित्तल व वर्षा फतेहपुरिया ने महाराज को माला पहनाकर व ओम मंगल व अशोक पंसारी ने शॉल ओढ़ाकर कर अभिनंदन किया।
व्यास पीठ की पूजा व आरती में ममता गोयल सोना गर्ग, सुनीता अग्रवाल, सुनीता गोयल, उर्मिला अग्रवाल, उषा बिंदल, उषा शर्मा, वर्षा फतेहपुरिया, जमना डिडवानिया, शशि गोयल ने यजमान के रूप में की। सांवरिया सेठ के रूप में गिरधारी मंगल, रूक्मणी के रूप में कमलेश मंगल, नानी बाई के रूप रेखा खंडेलवाल, नानी का रूप इंद्रा गर्ग ने धारण किया।
कथा में डॉक्टर श्रीगोपाल बाहेती, घनश्याम अग्रवाल मिठडी वाले, सुभाष नवाल, शैलेंद्र अग्रवाल, मुकूल ढाणी, रमेश अग्रवाल, विष्णु प्रकाश गर्ग, मुकेश गोयल, दिनेश परनामी, रमाकांत बाल्दी, आदि भक्तों ने कथा श्रवण का आनंद उठाया। कथा के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया। महाराज ने एक पेज में छपे गीता के संपूर्ण अध्यायों का सभी भक्तों को वितरण किया।