भगवान ने भरा 56 करोड़ का मायरा
अजमेर। नला बाजार स्थित रामद्वारा में आयोजित नानी बाई का मायरा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए प्रज्ञा चक्षु संत ध्यानीराम महाराज ने कहा कि नरसी भगत को सांवरिया सेठ पर बहुत विश्वास था कि वह उनकी दोहिती के विवाह में आकर मायरा भरेंगे।
महाराज ने कहा कि भक्तों की कथा सुनने के लिए स्वयं भगवान आते हैं। उनके सभी बिगड़े कामों को संवारते हैं। भगवान ने भक्तों की सेवा, रक्षा व विपदा में 52 बार प्रकट होकर उनकी सहायता की। नानी बाई का मायरा कथा के दौरान नरसी भगत जो कि गरीब था उसने अपना सभी कुछ श्रीहरि, दीन दुखियों और दुखियों कि सेवा में लगा दिया। पत्नी व पुत्र के न होने के बाद भी वे दिन-रात सांवरिया का नाम लेते थे।
उनको दोहिती के विवाह में मायरा भरना था परंतु पास में कौड़ी भी नहीं थी परंतु अपने मोर मुकुट धारी लीलाधर बंशीधर सांवरिया सेठ पर भरोसा था। वे बेटी के ससुराल भगवान की भरोसे आ गए। भगवान ने भी सांवरिया सेठ व दूसरों ने सेठानी का रूप धरकर 56 करोड़ का भात भर दिया। इसमें उन्होंने नगर की किसी भी आदमी, औरत और बच्चे को भी नहीं छोड़ा। सभी जाति और बिरादरी के लोगों को भेंट दी। संसार में ऐसा भात आज तक किसी ने भी नहीं भरा।
रामद्वारा परिसर में भगवान सांवरिया सेठ सेठानी नरसी भगत नानी बाई की झांकी सजाकर भात भरने की रस्म अदा की गई। इस दौरान मुख्य जजमान त्रिलोक सोनी, कमलेश सोनी लेखराज सोनी, रमेश सोनी परिवार की सभी पुरुष महिला बच्चे सभी उपस्थित थे। उन्होंने महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। महिलाओं ने श्रृंगार की सामग्री भेंट की। आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान संत उत्तम राम शास्त्री ने भी कई मार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर माहौल भक्तिमय कर दिया।