भरतपुर। राजस्थान में 13 नवम्बर को टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई घटना के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर भरतपुर एवं डीग जिलों में राष्ट्रीय मीणा महासभा और सर्व समाज के लोगों की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किए गए हैं।
भरतपुर जिले के वैर और डीग जिले के कामा में प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में समरावता गांव में हुई घटना के लिए टोंक कलेक्टर और उपखण्डाधिकारी अमित चौधरी को दोषी बताया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे निहत्थे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज करके आंसू गैस छोड़ने, वाहनों को आग लगाकर हिंसा फैलाने, गांव के महिला, बच्चों पर पथराव करने के साथ ही आगजनी के आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करके उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएं।
ज्ञापन में जिन ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा देने, निर्दोष लोगों को तत्काल रिहा करने, गांव में बने भय के माहौल को समाप्त करके शांति स्थापित करके तत्काल प्रभाव से पुलिस जाप्ता हटाने की मांग की गई है।
ज्ञापन में निर्दलीय नरेश मीणा के विरुद्ध सिर्फ उसी मुकदमे में कार्रवाई करने की मांग की गई जिसमें उन्होंने गुनाह किया है। शेष उनकी राजनीतिक हत्या करने के लिए अन्य मुकदमा लगाकर परेशान नहीं करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में गांव में घटना में घायल हुए लोगों का दमन बंद करके उन्हें मेडिकल करवाने का मौका देने, उपखंड अधिकारी (एसडीएम) द्वारा जिस महिला का हाथ पकड़कर जबरदस्ती वोट डलवाया गया था, उसके विरुद्ध अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के साथ ही महिला अत्याचार में मामला दर्ज करने की मांग की गई है।