श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस गठबंधन ने रविवार को लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी) के पांचवें आम चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया।
एनसी 12 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस को 10 सीटें मिलीं। इस तरह से इस गठबंधन ने 22 सीटें जीतीं। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो सीटें जीतीं, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए हैं। आम आदमी पार्टी एलएएचडीसी-के परिषद में अपना खाता खोलने में विफल रही।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को आज कारगिल में एनसी-कांग्रेस गठबंधन के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा।
जीत हासिल करने वाले एनसी के प्रमुख उम्मीदवारों में अब्दुल वाहिद ने भीमभट निर्वाचन क्षेत्र से 52 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। वहीं पंचोकताशी ने पदुम निर्वाचन क्षेत्र से 54 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की और मंज़ूर उल हुसैन ने योरबाल्टक निर्वाचन क्षेत्र से 90 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल हादी ने ताई-सुरु निर्वाचन क्षेत्र में 261 वोटों के अंतर से जीत हासिल की और अब्दुल समद ने रणबीरपोरा-द्रास निर्वाचन क्षेत्र से 575 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। वहीं भाजपा उम्मीदवार पद्मा दोरजे ने स्टैकचाय खंगराल निर्वाचन क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले में 177 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के सैयद हसन और एनसी के गुलाम हुसैन को हराया।
कारगिल जिले में पहला नागरिक चुनाव चार अक्टूबर को हुआ था। उल्लेखनीय है कि लद्दाख को पांच अगस्त, 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर से अलग करके एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। इन चुनावों में 26 सीटों पर भाजपा का मुकाबला एकजुट विपक्ष से था। तीस सदस्यीय परिषद के चुनाव में 85 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाया। इनमें से 22 कांग्रेस के, 17 एनसी के, 17 भाजपा के, चार आम आदमी पार्टी के और 24 निर्दलीय उम्मीदवार थे।