मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। साथ ही राज्य में कुछ लोकसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में विभाजन के बाद पहली बार यहां एमईटी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित ने दावा किया कि यदि भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (शिंदे समूह) और राकांपा एक साथ आगामी चुनाव लड़ते हैं, तो राकांपा विधानसभा में मौजूदा 54 सीटें मिलेंगी और वह कांग्रेस पार्टी की अधिक सीटों पर भी कब्जा कर लेंगे।
उन्होंने हालांकि इसके साथ ही यह सवाल खड़ा कर दिया कि अगर भाजपा अधिकतम हिस्सेदारी का दावा करती है और आगामी विधानसभा चुनावों में राकांप को 90 सीटें मिलती हैं तो शिवसेना (शिंदे समूह) और अन्य घटकों के लिए कितनी सीटें छोड़ी जाएंगी। अजित का भाषण राकांपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक तो था, लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह शिंदे समूह के लिए भविष्य में खतरे की घंटी होने की संभावना है।
शरद पवार मेरे नेता और गुरु
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने बागी राकांपा विधायकों को उनकी (शरद पवार) तस्वीर का उपयोग करने से मना कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद उनके भतीजे और महाराष्ट्र के नए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बुधवार को अपने चाचा को अपना नेता और गुरु बताया और कहा कि उन्होंने उन्हें (अजित) सब कुछ सिखाया है।
राकांपा में विभाजन की योजना बनाने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद अपनी पहली बैठक को संबोधित करते हुए अजीत ने बताया कि कैसे बड़े पवार ने अपनी यात्रा शुरू की और कैसे उन्होंने उनके (अजित) राजनीतिक करियर को प्रभावित किया।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और आपातकाल के बाद उनके दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि देश को एक करिश्माई नेता की जरूरत है। बैठक को सर्वश्री प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, रूपाली चाकणकर और अन्य नेताओं भी संबोधित किया।
उधर, शरद पवार ने वाईबी चव्हाण सभागार में बैठक की, जिसमें करीब एक दर्जन विधायकों के अलावा राज्य भर से बड़ी संख्या में पार्टी नेता शामिल हुए। दावे-प्रतिदावे के बावजूद वरिष्ठ नेताओं ने अजित के पक्ष में विधायकों का आंकड़ा 35 और शरद पवार के खेमे में 18 बताया है, हालांकि असली तस्वीर अभी सामने नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में राकांपा के पास 53 विधायक हैं और अजित को दल-बदल विरोधी कानूनों के प्रावधानों से बचने के लिए दो-तिहाई यानी कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी।