रांची। झारखंड में लोकसभा चुनाव 2024 में कोडरमा संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सफलता हासिल करने वाली अन्नपूर्णा देवी केंद्र में भी दूसरी बार मंत्री बनीं है लेकिन इस बार उन्हें पदोन्नत कर काबीना मंत्री बनाए गया है।
अन्नपूर्णा देवी वर्ष 2019 में बीजेपी में शामिल होने के पहले आरजेडी में थीं। अन्नपूर्णा देवी के पति रमेश प्रसाद यादव एकीकृत बिहार में मंत्री थे। लेकिन अचानक रमेश प्रसाद यादव का निधन हो गया। जिसके बाद वर्ष 1999 में विधानसभा का उपचुनाव लड़कर पहली बार कोडरमा की विधायक बनीं। अन्नपूर्णा देवी को सक्रिय राजनीति में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बड़ी भूमिका रही। लालू प्रसाद के कहने पर ही अन्नपूर्णा देवीं राजनीति में आईं।
करीब 20 वर्षों तक आरजेडी में रहने के बाद अन्नपूर्णा देवी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पाला बदल कर बीजेपी में शामिल हो गईं। बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें कोडरमा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया और वो चुनाव में विजयी रहीं। पहली बार जीत मिलने के बाद ही अन्नपूर्णा देवी को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री का दर्जा मिला। अब दूसरी बार जीत मिलने के बाद उन्हें फिर कैबिनेट में स्थान दिया गया है।
अन्नपूर्णा देवी वर्ष 2000 में एकीकृत बिहार में विधानसभा का चुनाव पुनः दूसरी बार जीतकर बिहार सरकार में खान-भूतत्व राज्य मंत्री बनीं। 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य बनने के बाद सूबे से बीजेपी की सरकार बनने के बाद अन्नपूर्णा देवी सत्ता से अलग होकर केवल विधायक बन रह गईं। इसके बाद 2005 और 2009 का विधानसभा चुनाव जीती। वर्ष 2013 में हेमंत सोरेन सरकार में जल संसाान मंत्री भी बनीं, फिर 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कोडरमा लोकसभा सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी टिकट पर अन्नपूर्णा देवी ने भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह को 3.77 लाख वोटों से हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। वर्ष 2019 के चुनाव में अन्नपूर्णा देवी ने 4.50लाख से अधिक मतों से चुनाव में विजयी रहीं थी। 2019 में अन्नपूर्णा देवी को 7,53,016 वोट मिले, जबकि बाबूलाल मरांडी को 2,97, 416 वोट मिले थे। इस तरह से अन्नपूर्णा देवी ने 4 लाख 55 हजार 600 मतों के अंतर से बाबूलाल मरांडी को पराजित कर रिकॉर्ड बनाया था। दूसरी बार वो अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ नहीं सकी, लेकिन उसके नजदीक पहुंच गईं।
अन्नपूर्णा देवी का जन्म 2 फरवरी 1970 को दुमका जिले के आजमेरी गांव में हुआ। रांची में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद उनकी शादी कोडरमा विधायक रमेश कुमार यादव से हुई। एक कृषक परिवार में जन्मी अन्नपूर्णा देवी की प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई थी। शिक्षा के प्रति अन्नपूर्णा देवी का बचपन से ही लगाव रहा, यही कारण वो माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपने गांव से पांच किलोमीटर दूर स्कूल जाती थीं। दुमका से ही मैट्रिक करने के बाद आगे की पढ़ाई पटना से की। बाद में रांची यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए किया।
अन्नपूर्णा देवी की शादी 1993 में बिहार के कद्दावर आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री रमेश प्रसाद यादव से हुई। एक घरेलू बहू के तौर पर वो खुश थीं। पांच वर्षों में अन्नपूर्णा देवी तीन बच्चों की मां बन चुकी थीं। पति राजनीति में थे, लेकिन अन्नपूर्णा देवी उनके जीवित रहते सार्वजनिक जीवन से दूर रहीं। शादी के पांच साल बाद पति का आकस्मिक निधन हो गया। जिसके बाद घर-परिवार के साथ राजनीतिक विरासत को संभालने की चुनौती भी सामने आ गईं।
वर्ष 1998 में अन्नपूर्णा देवी घर की दहलीज से बाहर निकलकर राजनीति में कदम रखा। रमेश यादव के निधन के कारण 1998 में कोडरमा सीट पर हुए उपचुनाव में उपचुनाव में आरजेडी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। जिसके बाद वो बिहार सरकार में मंत्री भी बनीं। यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश अन्नपूर्णा देवी आरजेडी छोड़ कर बीजेपी में आईं और छा गईं।
अन्नपूर्णा देवी को बीजेपी में शामिल कराने के बाद अब मंत्री बनाए जाने का मकसद झारखंड-बिहार में यादव मतदाताओं को पार्टी से जोड़ना था। झारखंड में एक हद तक बीजेपी को इसमें सफलता भी मिली। बिहार में भी बीजेपी ने इनका बखूबी इस्तेमाल किया। उन्होंने भी दो वर्षों में पार्टी की ओर मिली हर जिम्मेदारी बखूबी निभाईं। बीजेपी की ओर से अन्नपूर्णा देवी जेपी नड्डा की टीम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया गया था।
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