नई दिल्ली। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने फिलिस्तीन (पैलेस्टाईन) के हमास आतंकवादी संगठन द्वारा इजराइल पर आक्रमण के विषय में अपनी भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि हाल ही में फिलिस्तीन में हमास संगठन के आतंकियों ने इजराइयल पर हजारों रॉकेटों, भूमि और सागरी मार्ग से घुसकर आक्रमण किया। सैकडों निष्पाप इजराइली नागरिकों की हत्या की। इस आतंकवादी आक्रमण का हिन्दू जनजागृति समिति तीव्र शब्दों में निषेध करती है। जिहादी आतंकवाद के विरोध में वैश्विक स्तर पर इजराइल का समर्थन करने की आवश्यकता है! वे बोले कि भारत में भी ज्यू बंधु शांति से रहते हैं। हिन्दू जनजागृति समिति ज्यू बंधुओं के समर्थन में है।
समिति की ओर से शिंदे ने कहा कि आज इजराइल पर आक्रमण हुआ। इससे पूर्व कश्मीर में आतंकवादी आक्रमण हो रहे थे। कल अन्यत्र कहीं भी ऐसे आक्रमण हो सकते हैं। जिहादी आतंकवाद आंतरराष्ट्रीय समस्या है। उसका वैश्विक स्तर पर विरोध होना चाहिए। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत इजराइल पर आक्रमण का निषेध करते हुए उनके समर्थन की अर्थात जिहादी आतंकवाद के विरोध में भूमिका ली। भारत सरकार की इस भूमिका का हिन्दू जनजागृति समिति समर्थन करती है।
देश के लिए बडे दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस पक्ष की केंद्रीय समिति की बैठक में फिलिस्तीन के समर्थनार्थ भूमिका लेने का निर्णय लिया गया है। एक ओर फिलिस्तीन की भूमि, स्वशासन, आत्मसम्मान एवं प्रतिष्ठा से जीवन जीने के अधिकारों का समर्थन करने की भूमिका कांग्रेस पक्ष प्रस्तुत करता है। परंतु इसी फिलिस्तीन की भूमि पर के हमास नामक आतंकवादी संगठन ने इजराइल पर आक्रमण करते हुए सहस्रों निष्पाप नागरिकों की हत्या की, महिलाओं को उठाकर ले गए और उन पर अत्याचार किए। इस विषय में कांग्रेस ने एक शब्द भी नहीं कहा।
यदि फिलिस्तीन को आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा से जीने का अधिकार है, तो फिर वह इजराइली जनता को क्यों नहीं? इजराइल पर आक्रमण होने पर वह उसका प्रतिकार न करते हुए दूसरा गाल आगे करते हुए गांधीगिरी करना कांग्रेस को अपेक्षित है क्या? कांग्रेस की यह भूमिका जिहादी आतंकवाद का समर्थन करने वाली है। इसलिए इजराइल पर आक्रमण का निषेध जितना हमास का करना चाहिए, उतना ही निषेध जिहादी आतंकवाद का समर्थन करने वाली कांग्रेस का भी करना चाहिए।
शिंदे ने आगे कहा कि इसी प्रकार अलीगढ मुस्लिम विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने भी इजराइल के विरोध में मोर्चा निकाला, यह बात अत्यंत गंभीर है। इसमें अलीगढ मुस्लिम विद्यापीठ के विद्यार्थी हमास आतंकवादी संगठन का खुले आम समर्थन कर रहे हैं। हमारी मांग है कि इस घटना की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एन्आईए) द्वारा जांच की जाए।