सिरोही। सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता के लिए मीडिया की भूमिका के उन्नयन के लिए यह जरूरी है कि सरकारी विभाग, संस्थान अपने नियमों एवं उपनियमों को सार्वजनिक करें। सार्वजनिक मामलों एवं सुविधाओं से जुड़ी व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने में मीडिया हमेशा महती भूमिका अदा करता रहा है। यह विचार मंथन सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय में ‘सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता : प्रेस की भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उभर कर आया।
न्यूज पोर्टल सबगुरू डॉट कॉम के सिरोही डिजीटल एडीटोरियल इंचार्ज परीक्षित मिश्रा ने बताया कि सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता के लिए सबसे जरूरी है कि सभी सरकारी विभाग अपने नियमों, अधिनियमों, उपनियमों को सार्वजनिक करें। इसके लिए वे दस्तावेज अपनी वेबसाइटों पर नियमित प्रसारित करें। इनकी एक प्रति संबंधित जन संपर्क कार्यालयों में भी देवें ताकि समाचार पत्र, चैनल और वेब पोर्टल इन्हें प्रसारित और प्रकाशित करके लोगों को उनके अधिकारों और कानूनों के लिए कर सकें।
वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने कहा कि जितना ज्यादा सरकारी मशीनरी अपने कामों को मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक करेगी उतना ही ज्यादा लोग जागरूक होंगे। यह जागरूकता सरकारी मशीनरी को भी सतर्क करेगी और इससे काम की गति भी बढ़ेगी।
राजस्थान पत्रिका के संवाददाता जितेश रावल ने बताया कि सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता लाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम महती भूमिका अदा कर रहा है। इससे मीडिया को भी कार्यप्रणाली पारदर्शी बनाने और सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सफलता हासिल हुई है।
सिरोही टाइम्स के प्रधान सम्पादक कमलेश पुरोहित ने भी मीडिया की सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता के संदर्भ में भूमिका को स्पष्ट किया और राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित संगोष्ठी के विषय पर प्रशंसा व्यक्त की। इस अवसर पर क.लि. फूलाराम सोलंकी, विनोद असारी व किशोर कुमार मौजूद थे। अन्त में जन संपर्क अधिकारी मुकुल मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया।