डिस्कॉम ग्रामीण की कार्य प्रणाली संदेह के दायरे में, करीब एक वर्ष तक होता रहा उपभोग, संवाददाता के पहुंचने पर विभाग हुआ सक्रिय, हाथोंहाथा काटा कनेक्शन
आबूरोड। डिस्कॉम ग्रामीण कार्यालय की लापरवाही के चलते डिसकनेक्ट के आवेदन पर एक वर्ष तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बिजली कनेक्शन का करीब एक वर्ष तक अनवरत रुप से उपभोग होता रहा। बिजली का मीटर लगा रहा। मीटर से केबल जोड़कर ट्यूब वैल से सिंचाई की जाती रही। लेकिन, छीजत रोकने में अपनी पीठ स्वयं थपथपाने वाले डिस्कॉम का ग्रामीण कार्यालय इससे अनजान रहा। पत्रकार के मौके पर पहुंचने के बाद विभाग हरकत में आया। आनन-फानन में कनेक्शन को डिस्कनेक्ट कर दिया गया। ऐसे में डिस्कॉम के ग्रामीण कार्यालय की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में है।
ट्रोमा सेन्टर के समीप नरेशकुमार सिसोदिया पुत्र मीठालाल ने एक वर्ष पहले 25 जुलाई 2013 को डिस्कॉम कार्यालय मानपुर में सहायक अभियंता के नाम प्रार्थना दिया। प्रार्थना पत्र में उसने बताया कि उसका खाता संख्या १६०१-०३६२ व मीटर नम्बर ५१६३९९३ है। जिसका सम्बंध विच्छेद किया जाए। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई। कनेक्शन को नहीं काटा गया। बिजली का उपभोग जारी रहा। इसे डिस्कॉम की लापरवाही समझे या मिलीभगत। लेकिन, एक वर्ष तक विद्युत सम्बंध के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अंतिम भुगतान
आवेदक द्वारा अंतिम बिल का भुगतान कर दिया गया। इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही से एक वर्ष तक बिजली का उपभोग होता रहा। खेत की सिंचाई की जाती रही।
काटा कनेक्शन
इस मामले की संवाददाता को सूचना मिली। मौके पर जाकर देखने पर मीटर लगा पाया गया। साथ ही खेत की सिंचाई की जा रही थी। संवाददाता के पहुंचने की जानकारी मिलते ही विभागीय अधिकारी हरकत में आ गए। आनन-फानन में र्कावाई को अंजाम दिया गया। मामले को फाइनल करते हुए कनेक्शन को काट दिया गया।
जिम्मेदार कौन
विभाग ऑन लाइन हो चुका है। ऐसे में एक वर्ष तक विभाग को बिजली के उपभोग होने का पता ही नहीं चल सका। विभाग ने कनेक्शन डिसकनेक्ट के आदेश निकालना जरुरी नहीं समझा। मामले की निष्पक्ष व उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है।
नहीं निकला एमआरओ
कनेक्शन विच्छेद के लिए एमआरओ जारी नहीं किया गया। मामले को फाइनल कर दिया गया है। कनेक्शन कटवाने के साथ मीटर हटवा दिया गया है।
-अशोक मीणा, सहायक अभियंता, डिस्कॉम (ग्रामीण), आबूरोड