नई दिल्ली। अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव उत्पन्न करने के लिए पूर्णरूप से पाकिस्तान को कसूरवार ठहराते हुए भारत ने शुक्रवार को कहा कि “तनाव कम करना पूरी तरह से पाकिस्तान के हाथ में है।” भारत को आक्रामक ठहराने की इस्लामाबाद की कोशिशों की भारत ने यह कहकर खिल्ली उड़ाई कि इस तरह के आरोप उस देश की ओर से लगाए जा रहे हैं जिसने अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को दशकों तक पनाह दी।
एक दिन पहले रक्षामंत्री अरूण जेटली के बयान “यदि “दुस्साहस” दिखाना बंद नहीं हुआ तो पड़ोसी मुल्क को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान “दुश्मन को महसूस हो गया है कि समय बदल गया है” के बाद शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन का भी लहजा कठोर ही था।
उन्होंने कहा कि नई सरकार पाकिस्तान के साथ शांति के उपायों को लेकर बेहद गंभीर है और इस्लामाबाद के साथ पहला कदम भी शांति के साथ उठाया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का जो जवाब है वह सभी देख रहे हैं। विदेश सचिवों के बीच वार्ता से पहले मीडिया में तमाशा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ घृणित प्रचार, भारत के खिलाफ आतंकवाद और हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हमारे नागरिकों का खून बहाया गया है।
अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत इसीलिए उचित तरीके से जवाब देने की मन:स्थिति में आ गया है। यह पाकिस्तान पर निर्भर है कि स्थिति शांतिपूर्ण हो या फिर आग और भड़के। इस दिशा में उनका जो भी कदम होगा हम उसका उचित जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि सबसे पहला और सबसे जरूरी है कि पाकिस्तान और उसके सुरक्षा बल जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में दुस्साहस दिखाना बंद करे। नियंत्रण रेखा एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शांति और अक्षोभ की स्थिति पूरी तरह बहाल होनी चाहिए, ताकि हमारे नागरिक अपने घरों को लौट सकें और चैन से जी सकें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम न तो डरकर बात करते हैं और न ही हम किसी बात से डरते हैं।