सिरोही। कर्तव्य निभाने के दौरान पुलिस वालों को भी कई मानवीय संवेदनाओं से गुजरना पड़ता है और इसी कारण कई बार उन्हें अपने ही डिपार्टमेंट के लोगों की स्पेशल ट्रीटमेंट की इच्छा को अपने फर्ज के आगे तिलांजलि देनी पड़ती है।…
ऐसा ही वाकया रामझरोखा मैदान में हो रहे गरबा पांडाल में नजर आया, इस जीवंत नजारे को कैमरे ने कैद किया।
दृश्य 1- रात करीब 10.30 बजे। रामझरोखा मैदान का मुख्य द्वार। एक महिला कांस्टेबल स्कूटी लेकर पांडाल के अंदर घुसने की कोशिश करती है तो वहां खड़ा एक यातायात पुलिस का कांस्टेबल उन्हें रोकता है।
दृश्य-2 महिला कांस्टेबल ड्यूटी होने और गाड़ी को पांडाल के अंदर खड़ा करने की कहती हे यातयात पुलिस कांस्टेबल पार्किंग में ही वाहन पार्क करके व्यवस्था बनाने का अनुरोध करता है। महिला कांस्टेबल मानने को तैयार नहीं। यातायात पुलिस कांस्टेबल वहां खड़े हैड कांस्टेबल से अनुमति लेने को कह देता है। काफी हिल हुज्जत के बाद महिला कांस्टेबल गाड़ी पांडाल के अंदर नहीं ले जाने को मानती है।
दृश्य-3 महिला कांस्टेबल अपनी गाड़ी हैड कांस्टेबल के पास खड़ी करती है। इसी दौरान हैड कांस्टेबल समेत तीनों पुलिसकर्मियों की नजर पूरे वाकये को कैमरे में कैद करते रिपोर्टर पर पड़ती है तो वह सुकून महसूस करते हैं कि भले ही अपने विभागीय सहयोगी का नाराज करना पड़ा,लेकिन उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी में वह खरे उतरे।