मथुरा। जवाहरबाग में दो पुलिस अधिकारियों की हुई मौत के मामले शनिवार भारतीय जनता पार्टी ने धरना दिया जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा और सांसद हेमा मालिनी ने भाग लिया।
श्रीकांत शर्मा ने धरने में कहा कि जवाहरबाग में दो दिन पूर्व जो घटना घटी उसमें प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा का राजनैतिक संरक्षण इन गुण्डों को प्राप्त था। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग।
सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि जवाहरबाग प्रकरण को यहां के विधायकों ने कभी भी विधानसभा में नहीं उठाया। यदि वे इस मामले को यहां उठाते तो इस तरह की घटना नहीं होती। वहीं सांसद हेमा मालिनी इससे पूर्व शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी के घर पंहुची और उनके परिवार को सांत्वना दी।
जवाहरबाग में दो पुलिस अधिकारियां की हुयी मौत के मामले में आज भारतीय जनता पार्टी ने पुलिस लाइन के सामने धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में गुण्डाराज कायम है। कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह लचर बनी हुई है।
जवाहरबाग में दो दिन पूर्व जो घटना घटी उसमें प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा का राजनैतिक संरक्षण इन गुण्डों को प्राप्त था, जब भी समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो प्रदेश में गुण्डाराज कायम रहता है। अब सरकार द्वारा सरकारी जमीनों पर भी कब्जा कराने की नीयत से इन सपा के गुण्डों को जवाहरबाग में जगह दी।
प्रदेश के मंत्री चाहते थे कि जवाहरबाग की जमीन पर इन गुण्डों का कब्जा हो जाये और वे इसे उनके नाम पटटे पर देना चाहते थे। प्रदेश के मंत्री की गिद्ध दृष्टि जवाहरबाग पर थी जिसके चलते दो अधिकारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। यह उनकी शहादत नहीं बल्कि गुण्डों के द्वारा कराई गई हत्या थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद पुलिस के हाथों को बांध दिया। यदि पुलिस को पूरे सुरक्षा कवच के साथ भेजा जाता तो यह घटना नहीं हाती। भाजपा नेता ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग।
धरने पर आईं भाजपा की सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि जवाहरबाग प्रकरण को यहां के विधायकों ने कभी भी विधानसभा में नहीं उठाया। यदि वे इस मामले को यहां उठाते तो इस तरह की घटना नहीं होती। मैं मथुरा-वृन्दावन की सेवा करने के लिए आई हूं और इसके लिए मैं पूरी तरह प्रयासरत हूं। इस सारी घटना के पीछे यूपी सरकार दोषी है।
भाजपा जिलाध्यक्ष चौ. तेजवीर सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे प्रकरण की निंदा करती है। अगर मुख्यमंत्री में जरा भी नैतिकता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे दें और पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटीयल एवम सीबीआई जांच कराएं तो सब साफ हो जाएगा लेकिन उनके अंदर इतना साहस नहीं है कि वे इसकी जांच कराएं। उन्होंने सभी जगह भूमाफियाओं द्वारा किए गए कब्जों की जांच कराए जाने एवम बाबा जयगुरूदेव मंदिर पर घेरी गई जमीन को भी जांच के दायरे में लाने की मांग की।
पूर्व मंत्री चौ. लक्ष्मीनारायण ने कहा कि मुस्लिम दरोगा के मरने पर जब सपा सरकार एक करोड़ रूपए का मुआवजा दे सकती है तो इन दोनों अधिकारियों की शहादत पर बीस लाख देने की बात प्रदेश सरकार क्यों कर रही है। ऐसे लोगों को एक करोड़ रूपए की सहायता राशि दी जानी चाहिए तथा उनके परिवार के सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाया कि जवाहरबाग में रह रहे कथित सत्याग्रहियों के हजारों राशनकार्ड किसके आदेश से बने? जबकि डीएसओ द्वारा किसी भी व्यक्ति का कार्य बगैर सत्यापन के नहीं किया जाता। यह भी जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि खुद डीएसओ द्वारा खाद्य सामग्री को जवाहरबाग के सत्याग्रहियों के पास भेजा जाता था। जवाहरबाग में सोलर प्रोजेक्ट किसके आदेश से लगाया गया इसकी जांच हो।
धरना प्रदर्शन को बांकेबिहारी माहेश्वरी, ठा. ओमप्रकाश सिंह, डीपी गोयल, देवेन्द्र शर्मा, रविकांत गर्ग, गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, श्याम सिंह अहेरिया, वीरेन्द्र अग्रवाल, अजय पोईया, प्रणतपाल सिंह, जगपाल चौधरी आदि ने संबोधित किया।
इस दौरान योगेश चतुर्वेदी, मुकेश खण्डेलवाल, चेयरमैन मनीषा गुप्ता, चौ. सत्यपाल, डीएन गौतम, मेघश्याम सिंह, मदनमोहन श्रीवास्तव, विजय शर्मा, सचिन चतुर्वेदी, सुनील चतुर्वेदी, रघुराज सिंह, ललित अरोड़ा, मुकेश गौतम, मीरा मित्तल, हरेन्द्र शर्मा आदि मौजूद थे।
हेमा को नहीं जाने दिया जवाहर बाग
मथुरा में खूनी हिंसा के बाद यहां पहुंचीं अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हेमामालिनी को शनिवार को जवाहरबाग जाने से रोका गया। पार्टी आलाकमान की फटकार के बाद फिल्म की शूटिंग छोड़ मथुरा पहुंची हेमा मालिनी को पुलिस ने मथुरा के जवाहरबाग जाने से रोक दिया।
घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में देखने के बाद हेमा मालिनी सुबह जवाहरबाग पहुंची थीं, जहां उन्हें पुलिस के विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने सांसद को जवाहरबाग के अंदर घुसने से मना कर दिया। जिसके कारण निराश सांसद हेमा मालिनी को जवाहरबाग के गेट लौटना पड़ा। हेमा जवाहरबाग का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं।
पुलिस ने कहा कि उक्त इलाके में अब भी तलाश अभियान ऑपरेशन जारी है इसलिए वहां किसी भी असैन्य व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई विशेष बात नहीं है। मथुरा से सांसद हेमामालिनी को रोकने के पीछे पुलिस की कोई विशेष मंशा नहीं है और उनका इरादा साफ है।
अभी पूरा इलाका सुरक्षित घोषित नहीं हुआ है। पुलिस और विशेषज्ञों के दल चप्पे-चप्पे की छानबीन कर रहे हैं कि कहीं कोई विस्फोटक न छिपा हो। यदि ऐसे में वीआईपी या किसी भी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना घट जाती है तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।