आजमगढ़। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के अहरौला क्षेत्र में करीब ढाई साल पहले मृत एक महिला के जीवित होने का मामला प्रकाश में आया है।…
पुलिस के अनुसार मतलूबपुर गांव की सावित्री उर्फ शालू शर्मा गत 26 मई 2012 को घर से गायब हो गई थी। इसके दो दिन बाद ही 28 मई को जिले से सटे जौनपुर के सरायख्वाजा क्षेत्र के जमुआ गांव के सिवान में एक लड़की का शव मिला था जिसकी शिनाख्त शालू के पिता रामजीत ने पुत्री के रूप में की थी।
ढाई साल पहले मृत घोषित की जा चुकी शालू अब अचानक प्रकट हो गई है। दो दिन पहले लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट की अदालत में उपस्थित होकर उसने खुद को जिन्दा बताया। इस दौरान उसने अपने मां-बाप पर तरह तरह से प्रताडित करने का आरोप लगाया। शालू शर्मा के गायब होने पर सीमा यादव सहित छह लोगों के खिलाफ साजिश के तहत शालू के अपहरण कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें मुख्य आरोपी सीमा यादव अभी तक फरार है। शेष अन्य पाच जमानत पर रिहा हैं।
ग्राम प्रधान विनोद जायसवाल ने कहा कि यदि शालू शर्मा जिन्दा है तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि उसे लाए। उसे देखकर ही पता चल पाएगा कि वह कौन है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सत्यार्थ अनिरूद्ध ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यदि ऎसा है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।