नाडोल. लोकमान्य संत वरिष्ठ प्रवर्तक शेरे राजस्थान रूपमुनि महाराज ने कहा कि जिस प्रकार प्रतिदिन भोजन करना आवश्यक है उसी प्रकार प्रतिदिन प्रभु का नाम लेना आवश्यक है राम नाम कितना ही बार लो सदा सुहाना ही लगेगा रामायण हजार बार सुनी जाये तो भी बार बार सुनने की मन मे इच्छा जागृत होती है…
वे मुक्ता मिश्री रूपसुकन दरबार मे शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा मे प्रवचन कर रहे थे उन्होने ने कहा कि जो व्यक्ति सदा प्रभु का स्मरण करता है सबकी भलाई करता है वह अपने जीवन मे सुख शांति को प्राप्त करता है तपस्वी रत्न अमृतमुनि ने कहा कि यह संसार परिवर्तनशील संसार है संसार मे सब कुछ अशास्वत है संसार मे चाहे जड हो या चेतन इस आशास्वत मय संसार मे एक आत्मा शास्वत जो अपार शक्ति का भण्डार है
मनुष्य अपनी शक्ति वाहय जगत के विकास मे लगाकर वाहय उन्नति तो बहुत की पर वाहय विकास मे विनाश की संभावनाएं मौजूद है किन्तु व्यक्ति यदि आभ्यंतर शक्तियों को जागृत करके आत्म कल्याण के मार्ग की ओर अग्रसर हो जाये तो जीवन के सारे दु:ख संकट दूर हो सकते है और जीवन मे सुख शांति प्राप्ति हो सकती है
बाहर से आये भकतो का रूपसुकन चातुर्मास समिति नाडोल के अध्यक्ष कांतीलाल जेैन महामंत्री हितैष चौहान संयोजक जयचन्द कटारिया सहमत्री जगदीशसिहं राजपुरोहित उपाध्यक्ष देवीचन्द बोहरा, सह संयोजक पोमाराम चौधरी किशोर अग्रवाल नथमल गंाधी, छगनलाल मेवाडा उमाराम चौधरी, रूपमुनि महराज के निजि सचिव नरेन्द्र देवासी सहीत समिति सदस्यो द्वारा शँाल व माल्यार्पण से स्वागत किया गया मंच सचालन महावीरचन्द बोरून्दिया जसनगर ने किया