सूरत। राज्य सरकार की मंजूरी लिए बिना विदेश प्रवास पर जाना प्राध्यापकों को भारी पड सकता है। सरकार ने विदेश प्रवास की मंजूरी के लिए आवेदन करने वालों के लिएस शपथ पत्र संलग्न करना अनिवार्य कर दिया है।
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव और प्राध्यापक के विदेश प्रवास विवाद के बाद सचेत हुई सरकार ने यह कदम उठाया है। तब यह विवाद इतना बढ़ गया था कि इन तीनों के खिलाफ राज्यपाल को शिकायत की गई थी। सिंडीकेट में भी विदेश प्रवास के चलते हंगामा हुआ था।
राज्य के कई विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के प्राध्यापक विदेश प्रवास पर जाते हैं। इनके विदेश प्रवास को लेकर शिक्षा विभाग, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को शिकायत की जाती है। शिकायत मिलने पर विभाग को जांच के आदेश देने पड़ते हैं और मामला अधिक तूल पकड़ लेता है।
कई विदेश प्रवास मामलों की जांच में घोटाला भी सामने आता है इसके कारण संस्थान पर भी बदनामी के दाग लग जाते हैं। इसलिए शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि विदेश प्रवास जाने के लिए विभाग से मंजूरी लेना अनिवार्य है। इसके लिए प्राध्यापकों को कई तरह के शपथपत्र जमा करने होंगे।
बताना होगा कारण
प्राध्यापक को विदेश जाने के लिए कारण बताना होगा। कौन स्पोंसर कर रहा है, किस संस्थान का कार्यक्रम है, कार्यक्रम का उदेश्य क्या है, निजी कारण से जाना है तो क्यों जाना हैं, कितने दिनों का प्रवास है, प्रवास के दौरान का पता-नंबर भी देना होगा। इसके अलावा प्राध्यापक को यह भी बताना होगा कि उस पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई चल रही है या नहीं, उन पर विभागीय कार्रवाई हो रही है या नहीं, सेवापोथी में किसी तरह की गड़बड़ी है या नहीं, सरकार के पास कोई कर्ज है या नहीं।
नहीं देना होगा इस्तीफा
प्राध्यापक को यह भी लिख के देना होगा कि वह विदेश जाकर किसी संस्थान के साथ नहीं जुड़ जाएगा। वहां जाकर इस्तीफा नहीं भेज देगा। प्रवास के महाविद्यालय या विश्वविद्यालय प्रशासन से ली गई मंजूरी का पत्र भी जमा करना होगा। इसके साथ पासपोर्ट, वीजा की कोपी भी आवेदन के साथ विभाग में जमा करनी होगी। विभाग की मंजूरी मिलने के बाद ही विदेश प्रवास जाने को मिलेगा।
कुलपति पर भी लग चुका है आरोप
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.दक्षेश ठाकर ने लंदन प्रवास किया था। प्रवास शुरू होने से पहले ही कुलपति पर कई तरह के आरोप लगने लगे। उनके आने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ था। उनके खिलाफ मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक शिकायत की गई थी। सीनेट सदस्यों उनके विदेश प्रवास की जानकारी के लिए आरटीआई भी की थी।
कुलसचिव का मामला बना बड़ा विवाद
वीएनएसजीयू के कुलसचिव डॉ.जे.आर.महेता का विदेश प्रवास बड़ा विवाद बन गया था। उनके खिलाफ भी मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राज्यपाल को शिकायत की गई थी। सिंडीकेट में भी उनके विदेश प्रवास को लेकर हंगामा हुआ था। उन पर विश्वविद्यालय के पैसों पर विदेश में घूमने का आरोप लगा। उन्हें पद से दूर करने तक की मांग की गई थी।
प्राध्यापकों को किया निलंबित
वीएनएसजीयू के बायोसाइंस विभाग की प्राध्यापका के विदेश प्रवास जाने पर हंगामा हुआ। प्राध्यापका पर बिना बताए विदेश जाने का आरोप लगा। मामला सिंडीकेट में पहुंचा, उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की जा रही है। प्राध्यापकों ने इस मामले में उच्च अदालत में याचिका दायर की हुई है।