सूरत। पांडेसरा के बिल्डर युवराज पाटिल से दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में क्राइम ब्रांच ने ओडिसा के भुवनेश्वर से मुख्य सूत्रधार माफिया प्रवीण राउत के राइट हैंड माने जाने वाले सुभाष प्रधान को अरेस्ट किया है।
ओडिसा के पुरी जिले के आलीकिया गांव का मूल निवासी सुभाष पिछले तीन वर्षो से वांछित था। हत्या के तीन सनसनीखेज मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी। संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम एण्ड ट्रैफिक) खुर्शीद अहमद ने बताया कि सुभाष ओडिसा से ही युवराज पाटिल से रंगदारी वसूलने की साजिश को अंजाम दे रहा था।
वह उस वक्त बिहार में मौजूद प्रवीण राउत से मोबाइल फोन के जरिए संपर्क में था। प्रवीण के कहने पर ही उसने अपने गुर्गो के जरिए युवराज पाटिल को फोन पर धमकाया था। पाटिल के रुपए देने के लिए तैयार होने पर उसी ने अंबादास शिंदे, सूरज परमार, विशाल सिंह, राजेन्द्र उर्फ राजु गौड़ा व किरण स्वाईं को रुपए लेने के लिए पाटिल के कार्यालय पर भेजा था।
जिन्हें पुलिस ने जाल बिछा कर दबोच लिया था। उनसे पूछताछ के आधार पर ही मुख्य सूत्रधार प्रवीण राउत को बिहार के नालंदा जिले के गोरमा गांव से पकडा गया था। प्रवीण राउत से पूछताछ में सुभाष के ओडिसा के भुवनेश्वर में होने की जानकारी मिलने पर पुलिस उप निरीक्षक एम.एस. त्रिवेदी के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की एक टीम को ओडिसा भेजा गया था।
इस टीम ने छह दिन तक लगातार सर्वेलंस के बाद आखिरकार सोमवार को सुभाष को धर दबोचा। बुधवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर सूरत ले आई। पुलिस ने बताया कि उससे पूछताछ में रंगदारी समेत और भी कई मामलों में लिप्त अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिल सकती है।
तीन हत्याओं समेत दर्जनों मामलों में लिप्त
लंबे समय से सूरत में शहर में सक्रिय सुभाष प्रधान के खिलाफ तीन जूनूनी हत्याओं समेत एक दर्जन से भी अधिक मामलों में लिप्त रहा है। पुलिस के मुताबिक पांडेसरा क्षेत्र में रहने वाला सुभाष वाहन चोरी के दस मामलो, मारपीट के चार, लूट व अवैध रुप से हथियार रखने और शराब तस्करी के मामलों में लिप्त रहा है।
पिछले वर्ष माफिया गिरोह के बीच गैंगवार के चलते हुए जगन्नाथ महापात्रा (जगा माल्या), उगरु दलाई व प्रकाश प्रधान की हत्या में भी शामिल था। जगा माल्या की हत्या के मामले में छह जनें गिरतार हुए थे। जबकि सुभाष समेत चार वांछित थे।
उगरु की हत्या के मामले में तीन पकड़े गए थे सिर्फ सुभाष फरार था। वहीं प्रकाश प्रधान की हत्या की सुपारी सुभाष ने ही ली थी। इस मामले में उस वक्त सात जनें पकड़े गए थे लेकिन सुभाष समेत तीन फरार थे। पुलिस ने बताया कि सुभाष के खिलाफ ओडिसा में कोई मामला दर्ज नहीं है। वह यहां बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद ओडिसा भाग जाता था।