आबूरोड. मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति कई मायनों में अहम है। यहॉं की जीवनशैली ना केवल रोगप्रतिरोधक के रूप में है बल्कि एक कवच के रूप में भी है।पहले के जमाने में लोग इसी जीवन शैली के साथ जीवन व्यवतीत करते जिससे इस तरह की बीमारियों से दूर होते थे।यहॉं पर भारत सहित कई देशों के ह्दय रोग विशेषज्ञ इस बात पर चिंतन करने के लिए एकत्रित हुए है कि कैसे ह्दय रोग पर रोकथाम किये जाये। यह सराहनीय है।
आगे उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस पर श्रेष्ठ और स्वस्थ समाज के लिए शिक्षकों की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। ह्दय रोग एक घातक बीमारी है जिससे के प्रहार से कम समय में ही व्यक्ति इस दुनिया से चला जाता है। इसलिए ऐसी भयानक बीमारी के रोकथाम के लिए जरूरी है कि चिकित्सकों के सलाह और संयमित दिनचर्या को जीवन में अपनायें। ब्रह्माकुमारीजसंस्थान एक ऐसी जीवनशैली दे रहा है जिससे ऐसी बीमारियों पर अंकुश पाया जा सकता है।
अमेरिकनी हार्ट एसोओिसन के अध्यक्ष डा मार्ककेजरने कहा कि पूरी दुनिया के ह्दय रोग पर प्रकाश डाले तो मनुष्य के जीवन में नकारात्मक बदलाव सबसे अहम कारणहै।जितना हमने अपना नकारात्मक जीवन शैली बदली उतना ही नयी बीमारियों को दावत देते रहे।ह्दय रोग का स्थायी इलाज उपचार में नहीं हैँ क्योंकिआज हमआपरेशन करा लेते हैपरन्तु कल वापस ऐसी बीमारी हमारे पास चलीआती है। परन्तु जीवन में सकारात्मक बदलाव ही सबकुछ है।
ह्दयरोग संस्थान के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ.एस.के.परासर ने कहा कि आज की भागदौड़ और व्यस्त जीवनशैली से हमारे युवा पीढ़ी भी कम उम्र में ही ह्रदय रोग से बच नहीं पा रहे हैं। प्रतिवर्ष पूरे भारत में एक करोड़ लोग की मृत्यु ह्दय रोग से हो रही है। आज भारत ह्दय रोग की राजधानी बनता जा रहा है जो हमारे लिए चिंता की बात है। खान-पान और लोगों में फैलते बीमारी के कारण ही लोगों को सात्विक भोजन अपनाने की सलाह दी जाती है। ह्दय हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। हमारे देश का नागरिक स्वस्थ होगा तभी देश का विकास होगा। मानव होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है कि हम मानवीय गुणों से अविभूत होकर रोगों का सामना करें। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा इस दिशा में बहुत ही सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।
संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका दादी ह्दयमोहिनी ने कहा कि रोगों से बचाव का एक ही साधन है कि हम सात्विक जीवन जीएं और मेडिटेशन का अभ्यास करें। जब हमारा मन शक्तिशाली होगा तभी शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति आती है। संस्था के महासचिव बीके निर्वैर ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान और मेडिटेशन से ह्दय रोगियों को जो लाभ मिलता है वह दवाओं के सेवन से नहीं होता है।
हार्ट एसोशिएशन के अध्यक्ष तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.एच.के.चोपड़ा ने कहा कि हम अपने हार्ट को तभी स्वस्थ रख पाएंगे जब हमारे जीवन में दिव्यता होगी। स्वच्छ वातावरण में ही हमारे मन में अच्छे विचार आते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। स्वच्छ वातावरण में ही हम अनेक बीमारियों से बच सकते हैं।
इस कार्यक्रम को अमेरिका में अन्तर्राष्ट्ा्य अध्यक्ष डॉ.नवीन सी. नंदा, अमेरिकन एसोशिएशन ऑफ फिजिशिएशन ऑफ इंडियन ओरिजन के अध्यक्ष डॉ. रवि जहांगीरदार, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. जयश्री मेहता आदि कई नामचीन चिकित्सकों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर उपस्थित नामचीन चिकित्सकों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान नामचीन चिकित्सकों को राज्यपाल के हाथों सम्मानित किया गया।
केन्द्रिय स्वास्थ्यमंत्री डा हर्षबर्धन ने भेजा संदेशः भारत के केन्द्रिय स्वास्थ्यमंत्री डा हर्षवर्धन भेजे विडियो संदेश में कहा कि मुझे खुशी है कि यहॉं इतनी बड़ा ह्दयरोग विशेषज्ञों का सम्मेलन हो रहा है। आज अस्सी प्रतिशत बीमारी हमारी अनियमित दिनचर्या, खानपान के बिगड़ने के कारण है। यदि हम प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में आधा घंटे वाकिंग करें, मेडिटेशन और अध्यात्म का उपयोग करें तो सहज ही इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
राज्यपाल का भव्य स्वागतः अपने निर्धारित समय 12 बजे आबू रोड मानपुर हवाई पटटी पर पहुंचने पर संस्था के पदाधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस मौके पर जिला कलेक्टर वी सरवन कुमार, पुलिस अधीक्षक डा राजीव पचार, उपाधीक्षक नीरज पाठक समेत कई आला अधिकारी मौजूद थे।