सिरोही/आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में हृदयरोग के उपचार एवं बचाव विषय पर आयोजित दसवें विश्व महासम्मेलन में पूरे विश्व के 50 देशों के हृदयरोग विशेषज्ञ का जमावड़ा लगा है।
इस सम्मेलन में दुनियाभर के नामचीन विशेषज्ञों ने पब्लिक कान्फ्रेन्स में हृदयरोग के सम्बन्धित बीमारियों के बारे में अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए लोगों को प्रारम्भिक स्तर पर सावधानी रखने के तरीके बताये।
ख्यातनाम हृदयरोग विशेषज्ञों के पैनल में वल्र्ड कांग्रेस क्लिनिकल प्रिवेन्टिव कार्डियोलॉजी के अध्यक्ष डा. एच. के. चोपड़ा, अमेरिकन हार्ट एसोएिसशन के अध्यक्ष नवीन सी नन्दा अमेरिका, सुप्रसिद्ध हृदयरोग विशेष एस के परासर, अमेरिका की कार्डियोलोजिस्ट सीमा जैन, दिल्ली के डा नागपाल समेत कई विशेषज्ञों के पैनल ने सम्मेलन में उपस्थित आम लोगों की समस्याओं के समाधान पर बारीकी से सुझाव दिया। इसमें खासतौर पर मोटापा के साथ ब्लडप्रेशर को हर सम्भव नियंत्रित करने का सुझाव देते हुए कहा कि अधिकतर बीमारियों की जड़ मोटापा और ब्लड प्रेशर है जो एक साईलेंट किलर की तरह है।
मुंबई के प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ डी बीे पहलाजनी ने कहा कि ब्लड प्रेशर बेहद खतरनाक बीमारी है, इसलिए इसको साइलेंट किलर भी कहा जाता है। ब्लड प्रेशर से ब्रेन स्ट्रोक, किडनी, हॉर्ट अटैक, हाईपर टेंशन जैसी कई जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जितना जल्दी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के उपाय किए जाने चाहिए। ब्लड प्रेशर को लाईफ स्टाइल में बदलाव करके कंट्रोल किया जा सकता है।
मोटापा व तनाव से बढ़ता है ब्लड प्रेशर
चिकित्सकों के पैनल ने कहा कि मोटापा व तनाव से ब्लड प्रेशर हो सकता है। इसके अलावा स्मोकिंग, शराब, नमक, काफी आदि के ज्यादा सेवन से भी यह बिमारी हो सकती है। हमें प्रतिदिन 4 से 5 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं लेना चाहिए। फास्ट फूड, जंक फूड खाने की आदत लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
मेडिसीन के साथ मेडिटेशन जरूरी
सुप्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ एस सी मनचंदा ने बताया कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन एक रामबाण सिद्ध हुआ है। अमेरिकन हॉर्ट एसोसिएशन ने माना है कि मेडिटेशन से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मेडिटेशन के अभ्यास से शरीर की बायो कैमिस्ट्री बदल जाती है जिससे गंदे हॉरमोन कम हो जाते हैं और अच्छे हारमोन बढ जाते हैं मानसिक तनाव कम हो जाता है इसलिए अभ्यास से व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है।
80 की उम्र जीने का फार्मूला
साईन्टिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉ एसके पराशर ने बताया कि 80 की उम्र जीने के लिए व्यक्ति 80 का फार्मूला अपनाना चाहिए। 80 के फार्मूला के तहत दिल की धडकन 80 से नीचे हो, बीपी का निचला स्तर 80 से नीचे हो, बैड कोलेस्ट्रोल 80 से नीचे रखना चाहिए एवं प्रतिदिन 80 बार 80 सेंकड के लिए प्राणायाम व 80 मिनट सैर करनी चाहिए।
तंबाकू एक जहर है
अमेरिका के डॉ नवीन सी नंदा ने लोगों को तंबाकू छोडने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अमेरिका में भी पिछले एक वर्ष में सिगरेट पीने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी आई है। तंबाकू एक जहर है इसके सेवन से शरीर को काफी नुकसान होता है। इसको छोडने के लिए व्यक्ति को इसके नुकसान बारे सोचना चाहिए और दृढ निश्चय करके इसे छोड देना चाहिए। स्वस्थ जीवन के लिए राजयोग मेडिटेशन जरूरी – डॉ सतीश गुप्ता ने बताया कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन बेहद जरूरी है। नकारात्मक, व्यर्थ विचारों के कारण तनाव पैदा होता है। तनाव से ब्लड प्रेशर, दिल के रोग व अन्य कई रोग होते हैं।
आज होगा उदघाटन
तीन दिवसीय सम्मेलन का शनिवार को सवेरे दस बजे विधिवत उद्घाटन होगा। इस सम्मेलन के उदघाटन विश्व के कई देशों के ख्यातनाम हृदयरोग विशेषज्ञ, राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री राजकुमार रेणवा, संस्था प्रमुख दादी जानकी, महासचिव बीके निर्वेर, डब्लूसीसीपीसी आई के चेयरमैन डा एच के चोपड़ा, अमेरिकल हार्ट एसोसिएशन के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन सी नन्दा समेत कई ख्यातनाम हस्तियां शािमल हेागी।