आबूरोड। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि हमारा पड़ोसी देश भले ही कितने वार करे लेकिन कश्मीर भारत से अलग नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के बैनर तले नित नई मुसीबतें खड़ी करने की कोशिशें की जा रही हैं लेकिन हम आतंकवाद को जड़ से उखड़ फेकेंगे। वह दिन दूर नहीं जब आतंकवाद इस दुनिया से खत्म हो जाएगा।
सोमवार देर शाम ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी के शताब्दी जन्म उत्सव में भाग लेने पहुंचे अब्दुल्ला ने कहा कि वह पिछले 35 साल से इस संस्था से न केवल वाकिफ हैं बल्कि इसकी सेवाओं के भी कायल हैं।
भगवान मंदिर में और खुद मस्जिद में भले ही न दिखाई दे वह इंसान के दिल में जरूर बसता है। और इंसानों की सेवा करके ब्रह्माकुमारीज परमात्मा की सेवा कर रहीं हैं। इस संस्था में देश-दुनिया में इंसानों का दर्द बांटा है। एक दिन ऐसा आएगा कि जब हर कोई इस संस्था की उपयोगिता और उपलब्धियों के प्रति नतमस्तक होगा।
महिला आरक्षण बिल लागू करने में देरी की अपरोक्ष रूप से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनेता प्राय: कहते हैं कि महिलाओं को उनके अधिकार मिलने चाहिए लेकिन जब अधिकार देने का अवसर आता है तो हाथ पीछे खींच लेते हैं। इन परिस्थितियों में भी ब्रह्माकुमारीज ने महिलाओं को मजबूत आधार उपलब्ध कराया है।
धर्म के नाम पर मतभेदों व नफरत की चर्चा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हमें धर्मों की लड़ाई नहीं बल्कि कर्मों की लड़ाई लडऩी है। भगवान के सामने उसी तरह हम एक समान हैं जिस तरह डॉक्टर के सामने मरीज। जब किसी मरीज का जीवन बचाने के लिए खून की जरूरत पड़ती है तो कोई यह नहीं पूछता कि खून हिन्दु का है या मुसलमान का।
अस्पताल से बाहर निकलते ही सबको अपना-अपना धर्म याद आ जाता है। उन्होंने कहा कि दादी जानकी जैसी महान विभूतियों के आदर्श अपनाते हुए हम परमात्मा से दुआ करें कि वह हमें सच्चा इंसान बनाएं। हमें सही रास्ते पर चलकर भारत का नाम संसार में सूर्य की तरह चमकाना है।
पिछड़ी जाति आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वी.ईश्वरैय्या, जयसुंदरम मिल्स के प्रबंध निदेशिका कोठाई दिनाकरण के अलावा रूस से आई बीके संतोष बहन, सनफ्रांसिस्को से आई बीके चंद्रू बहन, नेपाल की बीके राज बहन, पंजाब जोन प्रभारी बीके अमीरचंद, ओम शांति रिट्रीट सेंटर हरियाणा की बीके आशा बहन, कलकत्ता की बीके कानन बहन आदि ने दादी जानकी व दादी ह्रदयमोहिनी के सानिध्य में प्राप्त अनुभव साझे किए। समारोह में नेपाल, रूस व भारत के सिंकदराबाद क्षेत्र से आए कलाकारों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए।