भोपाल। मध्यप्रदेश में समान काम के बदले समान वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर गए 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शनिवार को सरकार के रवैए के खिलाफ मुंडन कराया। हड़ताल का शनिवार को चौथा दिन है।
वहीं दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने हड़ताल को अमानवीय बताया है। मप्र 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी असलम खान ने कहा कि शनिवार को 25 कर्मचारियों ने धरनास्थल पर ही मुंडन कराकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
इसके अलावा बीते तीन दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे 46 कर्मचारियों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, मगर स्वास्थ्य विभाग का अमला उनका परीक्षण करने तक नहीं आ रहा है।
खान ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस कर्मचारियों से आठ घंटे के बजाय 12 घंटे काम कराया जाता है और उन्हें आठ घंटे का भी वेतन नहीं मिल रहा है।
एंबुलेंस कर्मियों को नौ से 11 हजार रुपए मासिक दिए जाते हैं, जबकि दूसरे राज्यों में एंबुलेंस कर्मियों को 16 से 19 हजार रुपए दिए जाते हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल को अमानवीय करार दिया है। उनका कहना है कि इन कर्मचारियों को सोचना चाहिए कि उन मरीजों और दुर्घटना में घायल लोगों का क्या हो रहा होगा, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की जिम्मेदारी उनकी है।
सिंह ने कहा कि हड़ताल के बावजूद व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, और कहीं कोई अव्यवस्था नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य के लगभग तीन हजार से ज्यादा 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी बीते चार दिनों से ईदगाह मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं।
उनकी मांग है कि अन्य राज्यों के एंबुलेंस कर्मियों की तरह उनके समय के घंटे तय हों और उन्हें निर्धारित वेतन दिए जाएं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में जो गड़बड़ियां हुई हैं, उनकी जांच हो।