नई दिल्ली। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) को 108 सांसद पलीता लगा रहे हैं। इसकी घोषणा के एक वर्ष पूरा होने वाला है लेकिन अब तक 108 सांसदों ने इस योजना के तहत किसी भी गांव का चयन नहीं किया है।
आधिकारिक सूचना के अनुसार एसएजीवाई के तहत कार्य प्रगति की जो रूपरेखा बनाई गई है उसके अनुसार प्रत्येक सांसद को एक-एक गांव का विकास 2016 तक करना है और इस पर अगस्त 2015 तक काम शुरू कर देना है।
अब तक 682 सांसदों ने आदर्श ग्राम विकास योजना के तहत ग्राम पंचायतों का चयन किया है लेकिन 108 सांसदों ने इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की है।
विदित हो कि योजना के लिए निर्धारित समयावधि के अनुसार 2024 तक प्रत्येक सांसद को आठ गांवों को विकसित करना है और उन्हें सभी जरूरी सुविधाओं से लैस आदर्श गांव बनाना है।
इस योजना के तहत निर्धारित समय सीमा के तहत पहले चरण में 2019 तक हर सांसद को तीन-तीन गांव विकसित करने हैं। एक-एक गांव का विकास अगले वर्ष तक किया जाना है तथा शेष दो गांव 2019 तक विकसित होने हैं। उसके बाद 2024 तक प्रत्येक सांसद को हर वर्ष एक एक गांव का विकास करना है।
लोकसभा के अधिकतर सांसदों ने आदर्श ग्राम के लिए पंचायत का चयन कर लिया है। सूचना के अनुसार लोक सभा के करीब 40 सांसद ही हैं जिन्होंने अब तक 2016 तक विकसित किए जाने वाले गांव के नाम का चयन नहीं किया है। कई सांसदों का कहना है कि उन्हें गांव का चयन करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।