कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बदहाल कानून-व्यवस्था के खिलाफ मंगलवार को कांग्रेस द्वारा आहूत 12 घंटे के बंगाल बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। राज्य के कुछ हिस्सों में जहां बंद प्रभावी रहा, वहीं राजधानी कोलकाता सहित कई जिलों में बंद का मामूली असर देखा गया।
कांग्रेस के प्रभाव वाले मुर्शिदाबाद व मालदा जिलों में बंद सबसे अधिक असरदार रहा। कोलकाता महानगर में बंद के दौरान जनजीवन सामान्य रहा। सरकारी कार्यालयों में कर्मियों की उपस्थिति सामान्य रही। अधिकांश सरकारी व गैरसरकारी शिक्षण संस्थान खुले रहे।
सडकों पर वाहनों का आवागमन भी सामान्य रहा। हालांकि बंद समर्थकों ने श्यामबाजार मोड पर कुछ देर के लिये यातायात रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तत्काल उन्हें हटा दिया। इसके अलावा महानगर की स्थिति पूरे दिन लगभग सामान्य रही।
राज्य के अन्य हिस्सों से मिली खबरों के अनुसार उत्तर 24 परगना जिले के भैवला स्टेशन पर बंद समर्थकों ने रेल अवरोध किया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से अवरोध हटा लिया गया। पुलिस ने यहां से छह बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया। जिले के विराटी स्टेशन पर भी रेल यातायात रोकने की कोशिश की गई।
इसके चलते सियालदह-हासनाबाद व सियालदह-वनगांव संभाग में रेल यातायात कुछ समय के लिये बाधित हुआ। इसी तरह दक्षिण-24 परगना जिले में भी बंद समर्थकों ने रेल अवरोध कर यातायात बाधित करने की कोशिश की जिससे कुछ घंटों के लिये रेल यातायात प्रभावित रहा।
हावडा के बाउरिया स्टेशन पर भी रेल रोकने की कोशिश की गई। हावडा के मैदान इलाके में बंद समर्थकों ने एक मिनी बस में तोडफोड की। बंद के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के गढ कहे जाने वाले मुर्शिदाबाद व मालदा जिलों के साथ-साथ पश्चिम मेदिनपुर जिले का सवंग सबसे अधिक अशांत रहे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सवंग के सजनीकांत महाविद्यालय में एक कांग्रेस समर्थक छात्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद ही कांग्रेस ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था। हालांकि बंद के दौरान सजनीकांत कालेज खुला रहा मगर वहां छात्र नजर नहीं आये।
सवंग ब्लाक में सडक यातायात लगभग ठप रहा। कांग्रेस समर्थकों ने सवंग ब्लाक में तोडफोड करने की कोशिश की। उधर मुर्शिदाबाद के बहरमपुर में बंद के दौरान तनाव की स्थिति बनी रही। यहां भू-राजस्व विभाग के अधिकारी अरवद कुमार मीणा को कार्यालय में घुसने से रोकने की कोशिश कर रहे कांग्रेस समर्थकों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया जिसमे पांच बंद समर्थक घायल हो गये।
पुलिस ने यहां से एक महिला सहित 8 बंद समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया। इसकी जानकारी मिलते ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन मौके पर पहुंचे। वहां पुलिस के साथ उनकी कहासुनी हुई।
इस दौरान अधीर बेहद गुस्से में नजर आये और उन्होंने अपनी शर्ट उतार कर पुलिस की चुनौती दी। इस दौरान अधीर ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बंद विफल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। इसके बाद अधीर अपने समर्थकों के साथ सरकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गये।
उत्तर बंगाल के मालदा जिले में भी कांग्रेस के बंद का व्यापक असर देखा गया। इस दौरान जिला कलेक्टर कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रही कांग्रेस सांसद मौसम बेनजीर नूर की पुलिस के साथ कहासुनी हो गई। बाद में उन्होंने पुलिस पर अशालीन बर्ताव करने का आरोप लगाया जिसके बाद कांग्रेस समर्थक कलेक्टर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये।
इससे पहले कांग्रेस सांसद अबू हासिम खान चौधरी व मौसम नूर के नेतृत्व में कांग्रेस समर्थकों ने करीब तीन घंटे तक 34 नंबर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया। जिले में निजी वाहन सडकों पर नहीं निकले। सरकारी वाहनों की संख्या भी अन्य दिनों की तुलना में कम रहे।
बर्दवान स्टेशन के चार व पांच नंबर प्लेटफार्म पर कांग्रेस समर्थकों ने अवरोध करने की कोशिश की। इसके चलते डाउन चंबल एक्सप्रेस सहित कई ट्रेने रुक गईं। करीब २०-२५ मिनट के बाद पुलिस ने अवरोधकारियों को हटा दिया। बाद में बंद समर्थकों ने सडक यातायात बाधित करने की कोशिश की।
इस दौरान पुलिस ने १० कांग्रेस समर्थकों को गिरफ्तार किया। उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर जिले में जहां बंद प्रभावी रहा वहीं कूचबिहार, जलपाईगुडी, अलीपुरद्वार व सिलीगुडी में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। जबकि बीरभूम, पूर्व मेदिनिपुर, नदिया व हुगली जिलों में बंद का आंशिक असर पडा।